चुनाव के बाद अपराधों की पेंडेंसी कम करने का टॉस्क, जुटे अफसर
भोपाल
विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद अब आर्थिक अपराधों की पेंडेंसी को कम करने का टॉस्क दिया गया है। डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने जिले के सभी थाना प्रभारियों से लेकर सीएसपी, एसडीओपी, एएसपी और पुलिस अधीक्षकों की बैठक में इज्तिमा और विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न होने पर बधाई दी। डीआईजी ने अधीनस्थ अधिकारियों को अब स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि साल 2018 के पेंडिंग मामलों की अब गंभीरता से विवेचना करें। फरार चल रहे स्थाई वारंटियों को पकड़ने के साथ लूट, चोरी और डकैती जैसे आर्थिक अपराधों के खुलासे पर फोकस करें। इसके साथ इस माह खात्मा लगना भी शुरू हो जाएंगे।
सूत्रों की मानें तो साल भर पुराने और बीते वर्षों के जिन मामलों का खुलासा नवंबर तक या दिसंबर के पहले सप्ताह तक नहीं हो पाता। ऐसे मामलों में खात्मे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। दिसंबर के अंतिम दिनों में खात्मा लगा दिया जाता है, ताकि अपराधों की ग्राफ को कम दिखाया जा सके।
रिकवरी बाकी
जनवरी 2018 से नवंबर 2018 तक करीब दस करोड़ से अधिक का माल बदमाशों ने चोरी किया। बरामदगी बहुत कम हो सकी है। अब साल बीतने में एक माह बाकी है, ऐसे में दिसंबर माह में पुलिस अधिकारियों पर आर्थिक अपराधों के खुलासे का काफी दबाव रहेगा।
अपराधियों पर फोकस
डीआईजी ने थाना प्रभारियों को अपने क्षेत्र में ऐसे स्थानों को चिहिन्त करने के निर्देश दिए हैं, जिन स्थानों, कॉलोनियों में चोरी अधिक हो रही हैं। वहां अतिरिक्त गश्त लगाने, बिना वर्दी में पुलिसकर्मियों के मूवमेंट कराने के लिए कहा है। साथ ही मुखबिर तंत्र को सख्त बनाने,स्थाई वारंटियों को पकड़ने, चोरों, लुटेरों व बदमाशों की हर गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
कम होने लगी FIR
पुलिस सूत्रों की मानें तो अपराधों का ग्राफ बढ़ने के कारण दिसंबर माह में घरों में चोरी, बाइक चोरी इस तरह के अन्य तरह के गंभीर अपराध होने पर ही तुरंत मामला दर्ज किया जाता है। बाकी मामलों को समझाईश देकर सुलझाने या फिर जांच के नाम पर लटकाए रखने की प्रक्रिया थानों में अपनाई जाती है। ऐसा थाने स्तर पर अपराधों की संख्या में कमी लाने के लिए हो रहा है।