दिल्ली का दम फूला, SC ऑर्डर के बावजूद जमकर फूटे पटाखे
नई दिल्ली
दिवाली के बाद दिल्ली में आज सुबह जब लोगों ने आंखें खोली तो कई इलाकों में उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हुई। साउथ ब्लॉक एवं आसपास का इलाका स्मॉग की मोटी चादर से ढका था। दिवाली से पहले भले ही पटाखों को लेकर लोगों में उत्साह कम देखा गया था पर बुधवार को दिल्ली में जमकर पटाखे फोड़े गए, जिससे राजधानी की हवा 'खतरनाक' स्तर पर पहुंच गई।
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने को लेकर रात 8 से 10 बजे की समयसीमा तय की थी पर लोगों ने इस आदेश का उल्लंघन किया। अधिकारियों ने बताया कि कई इलाकों में शाम से ही पटाखे फोड़ने की शुरुआत हो गई, जो देर रात तक जारी रही।
आज सुबह 6 बजे कुल एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) PM 2.5 805 रेकॉर्ड किया गया। दिल्ली के कई इलाकों में तो AQI 900 के ऊपर पहुंच गया। आनंद विहार में लेवल 999, अमेरिकी दूतावास चाणक्यपुरी के आसपास 459 और मेजर ध्यान चंद नैशनल स्टेडियम के आसपास 999 पहुंच गया, जो हवा की गुणवत्ता की 'खतरनाक' श्रेणी में आता है।
इससे पहले दिवाली के दिन बुधवार को शाम 7 बजे AQI 286 रेकॉर्ड किया गया था जो रात 8 बजे 405 के स्तर पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार बुधवार रात 9 बजे स्थिति और खराब हो गई और AQI 514 पर पहुंच गया।
कहां, कैसा हाल
आनंद विहार ही नहीं, ITO और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में भी प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा पाया गया है। मयूर विहार एक्सटेंशन, लाजपत नगर, लुटियंस दिल्ली, IP एक्सटेंशन, द्वारका, नोएडा सेक्टर 78 समेत कई इलाकों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किए जाने की खबरें हैं।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का आदेश?
SC ने सिर्फ ‘ग्रीन पटाखों’ के निर्माण और बिक्री की अनुमति दी थी। ग्रीन पटाखों से कम प्रकाश और ध्वनि निकलती है और इसमें कम हानिकारक रसायन होते हैं। कोर्ट ने पुलिस से इस बात को सुनिश्चित करने को कहा था कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री नहीं हो सकती है और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित थाना के एसएचओ को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा और यह अदालत की अवमानना होगी। कोर्ट ने दिवाली के दिन रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़ने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही पटाखों की ऑनलाइन बिक्री भी रोक दी गई थी।