दिवाली बाजार से गायब होता ‘मेड इन चाइना’
नई दिल्ली
पिछले कुछ वर्षों से चीन से आयातित सस्ते उत्पादों से पटे रहने वाले दीपावली के बाजार में इस बार स्वदेशी उत्पादों की धूम है। खरीदारों के साथ-साथ दुकानदारों में स्वदेशी सामान को बढावा देने की भावना से चीनी सामान की बाजार हिस्सेदारी घटकर करीब 20 फीसदी रह गई है। हर साल की तरह इस बार भी दिवाली से पहले बाजार दीपक, कंदील, फूल, रंगोली, रंग-बिरंगी लडिय़ों, परदे, बंदनवार,लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों तथा अन्य साजो-सामान से सजे हैं लेकिन चीनी सामान की घटती धमक की छाप पूरे बाजार पर है।
खरीदार भी अब सामान लेने से पहले देश में निर्मित सामान दिखाने की मांग करते हैं। पिछले कई साल से अन्य त्योहारों की तरह इस पर्व पर भी ‘मेड इन चाइना’ का कब्जा रहा था और बाजार में चीन की लड़यिां, गिफ्ट आइटम, मूर्तियों, सजावटी सामान की धूम रहती थी। लेकिन, स्वदेशी सामान को बढ़ावा देने तथा पाकिस्तान का समर्थन करने के कारण चीन के सामान के बहिष्कार के बारे में सोशल मीडिया पर जारी चर्चाओं ने बाजार को पूरी तरह बदल दिया है।
दिल्ली में लाल किला के सामने भागीरथ पैलेस का इलेक्ट्रॉनिक बाजार इस परिवर्तन का सबसे बड़ा गवाह है। खरीदार अब सस्ते सामान की अपेक्षा गुणवत्ता पर ध्यान देने लगे हैं और सरकार ने भी अपने नियम सख्त कर दिए हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक बाजार पर इस साल नया चीनी माल नहीं आने का भी असर है। रेहड़ी और पटरी पर जो चीनी माल दिखायी देता है वह पिछले साल का बचा हुआ है। यहां सामान बेचने वाले संजय ने बताया कि इस बार चीन से नया माल नहीं आया है जिससे पिछले साल का बचा माल महंगा बिक रहा है। ग्राहकों की रूचि भी अब चीन के सामान में ज्यादा नहीं दिखायी देती।
कुछ खरीदार सस्ता चीनी सामान लेने यहां आते भी हैं तो माल महंगा देखकर या तो वापस लौट जाते हैं या बहुत कम खरीदारी कर रहे हैं। भागीरथ पैलेस में दिल्ली इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव रविंदर कुमार गुप्ता ने बातचीत में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक बाजार पर पहले पूरी तरह चीनी सामान हावी था लेकिन सरकार ने गुणवत्ता को लेकर मानक सख्त कर दिए हैं। दरअसल पहले चीन के माल पर बीएसई मानक का स्टीकर लग जाता था लेकिन सरकार ने अब आयातित माल पर इसकी खुदाई करने का निर्देश दिया है। इस बार इलेक्ट्रॉनिक बाजार में बिक्री 50 फीसदी घट गई है।