दुनियाभर में तेल संकट खड़ा करने की ईरान की धमकी
तेहरान
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका के प्रतिबंधों के खिलाफ मंगलवार को फिर से खाड़ी का रास्ता बंद करने की धमकी दी है। उन्होंने कहा, 'अमेरिका को पता होना चाहिए कि वह ईरान से तेल के निर्यात को रोक नहीं सकता है। अगर वह ऐसा करने की कोशिश करता है तो फारस की खाड़ी से तेल का निर्यात नहीं हो सकेगा।' अगर ईरान ने यह कदम उठाया तो अमेरिका के साथ टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। गौरतलब है कि खाड़ी के कई देश इस रास्ते से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का निर्यात करते हैं।
बता दें कि खाड़ी देशों में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। अगर ईरान फारस की खाड़ी में व्यापार का रास्ता रोकता है तो सऊदी अरब से होने वाले व्यापार पर भी असर पड़ेगा। वर्तमान में सऊदी दुनियाभर में तेल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। 1980 से 88 के बीच भी यह खाड़ी विवाद का बड़ा विषय बन गई थी। इस दौरान दोनों देशों ने एक दूसरे के तेल के जहाजों पर हमला कर दिया था।
1980 के बाद से ईरान कई बार खाड़ी से तेल के निर्यात को रोकने की धमकी दे चुका है। अंतरराष्ट्रीय दबाव में ईरान ने ऐसा किया लेकिन कभी इस पर अमल नहीं किया गया। 2015 में तेहरान के परमाणु समझौते से अलग होने के बाद अमेरिका ने दोबारा प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस प्रतिबंध के मुताबिक ईरान से तेल का निर्यात बंद हो जाना चाहिए था लेकिन अभी आठ देशों को ईरान से तेल आयात के लिए अस्थाई छूट दी गई है।
रूहानी ने जुलाई में भी खाड़ी का रास्ता बंद करने की धमकी दी थी। राष्ट्रपति ने इन प्रतिबंधों से देश की अर्थव्यस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को नकारा है और कहा है कि मीडिया देश की समस्याओं को बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा है। उन्होंने कहा कि इससे किसी तरह की मंदी या बेरोजगारी नहीं आने वाली है। लोगों को अखबारों में ऐसी बातें लिखनी छोड़ देनी चाहिए।
रूहानी ने स्वीकार किया कि कुछ दिक्कतें आई थीं लेकिन दिसंबर में पेश होने वाले नए बजट में इसका समाधान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सभी छूट जारी रखेगी और सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में 20 फीसदी की इजाफा किया जाएगा।