नाखूनों का रंग बदले तो हो जाएं सतर्क

नाखूनों का रंग बदले तो हो जाएं सतर्क

हमारा शरीर आश्चर्यजनक तरीके से काम करता है। इसकी एक बड़ी खासियत यह भी है कि यह अलग-अलग प्रतिक्रियाओं के जरिए स्वास्थ्य समस्याओं और पोषण की स्थिति के बारे में भी सूचित करता है। नाखूनों का रंग और आकार भी हमें कई तरह की बीमारियों के बारे में आगाह करता है।

मोटे नाखून
यह स्थिति फंगल इंफेक्शन के कारण होती है लेकिन अगर इसे गंभीरता से लिया जाए तो डायबीटीज, फेफड़ों में इंफेक्शन, एग्जिमा, सिरोसिस भी इसके कारण होते हैं। नाखूनों का कड़ा और मोटा होना, पीलापन, वृद्धि में कमी होना जैसे कारण इनके पीछे हो सकते हैं।

पीला रंग
नाखून का रंग पीला पड़ने के पीछे फंगल इंफेक्शन या सिरोसिस जैसे गंभीर कारण भी हो सकते हैं। नीलापन या सिलेटी रंग लिए हुए नाखूनों का मतलब है कि आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन नहीं मिल पा रहा है और उसे ऑक्सिजन की जरूरत है।

सफेद पैच
नाखूनों का रंग ब्राउन या डार्क होना थायरॉइड या कुपोषण के कारण हो सकता है। इसके अलावा नाखूनों पर सफेद रंग के पैच बनने का मतलब है कि शरीर में आयरन की कमी है।

कमजोर नाखून
रूखे, कमजोर और भुरभुरे नाखून, जो जल्दी टूट जाते हों, उनक सीधा संबंध थायरॉइड या फंगल इंफेक्शन से होता है। यह एक तरह के फंगस के कारण भी हो सकता है, जो आपकी त्वचा व मुंह पर रैशेज के रूप में सामने आते हैं।