नागचंद्रेश्वर मंदिर में नहीं मिलेगा भक्तों को प्रवेश

उज्जैन
महाकाल मंदिर में नागपंचमी पर पहली बार भगवान नागंचद्रेश्वर के दर्शन के लिए भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। परिसर में लगी एलईडी, महाकाल एप और कुछ चैनलों पर लाइव दर्शन कराए जाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। 300 साल के इतिहास में पहला मौका होगा जब भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
मंदिर प्रशासक सुजानसिंह रावत ने बताया कि ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार नागपंचमी पर भक्तों के लिए खोले जाते हैं। इस बार भी 24 जुलाई की मध्यरात्रि रात 12 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। पश्चात महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीतगिरिजी महाराज के सान्निाध्य में जिले के आला अधिकारी भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा करेंगे। कोरोना संक्रमण के चलते भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं देने का निर्णय लिया गया है। स्थानीय के साथ देश-विदेश के लाखों भक्त सीधे प्रसारण के माध्यम से भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
त्रिकाल पूजा होगी
नागपंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा की जाती है। पहली पूजा 24 जुलाई की रात 12 बजे होगी। दूसरी 25 जुलाई की दोहपर 12 बजे शासन की ओर से होगी। तीसरी पूजा मंदिर समिति की ओर से 25 जुलाई की शाम 7.30 बजे के बाद होगी। इसके बाद रात्रि 12 बजे पुनः एक वर्ष के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।