सरकार के भेजे नाम गवर्नर ने खारिज किए, तीन अनुभवी नाम भी सुझाए

इंदौर
इंदौर के देवी अहिल्या विवि में कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और राज्य सरकार आमने-सामने आ गए हैं। विवि में धारा-52 लगाए जाने के बाद सरकार द्वारा भेजा गया तीन नाम का पैनल राजभवन ने खारिज कर दिया है। गवर्नर ने सरकार को नए सिरे से तीन नाम सुझाए और कहा कि ये अनुभवी हैं। शिक्षा की बेहतरी के लिए इनमें से किसी एक काे कुलपति बनाया जा सकता है। सरकार ने गवर्नर के सुझाव को मानने की बजाए पूरी फाइल ही रोक दी और नया दांव चला कि उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त को कुलपति का प्रभार सौंप दिया जाए।
इस पर राजभवन की ओर से जवाब भेजा गया कि विवि अधिनियम में एेसा कोई प्रावधान नहीं है कि विभाग के कमिश्नर को प्रभारी कुलपति बना दिया जाए। क्योंकि देवी अहिल्या विवि में कई एेसे प्रोफेसर हैं, जिन्हें 10 साल या इससे अधिक का अनुभव है।
बताया जा रहा है कि नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रीडेशन काउंसिल (नेक) की टीम जल्द ही ग्रेडिंग फाइनल करने के लिए दौरा करने वाली है। ‘ए’ ग्रेड वाले देवी अहिल्या विवि को ‘ए प्लस’ ग्रेड मिल सकता है। इससे न केवल केंद्र सरकार की फंडिंग बढ़ेगी, बल्कि रिसर्च और अन्य विधाओं में विवि का नाम देश में लिया जाने लगेगा। लेकिन राज्य सरकार और राजभवन के बीच असहमति के कारण यह काम व पूरी प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।