नासा ने रचा इतिहास, मंगल की धरती पर उतरा रोबोटिक ‘इनसाइट लेंडर’

नासा ने रचा इतिहास, मंगल की धरती पर उतरा रोबोटिक ‘इनसाइट लेंडर’

नई दिल्ली         
मंगल ग्रह की गुत्थियां सुलझाने के लिए नासा का रोबोटिक 'मार्स इनसाइट लेंडर' सोमवार की रात सफलतापूर्वक मंगल की धरती पर लैंड कर गया. ‘इनसाइट’ मंगल ग्रह की आंतरिक संरचना पृथ्वी से कितनी अलग है, इसका पता लगाएगा. नासा ने ‘इनसाइट’ की लैंडिंग लाइव दिखाई. मंगल की कक्षा में पहुंचने के समय ‘इनसाइट’ की स्पीड 19800 किलोमीटर की थी, जो लैंडिंग के वक्त घटकर 8 किलोमीटर प्रतिघंटा की रह गई. ‘इनसाइट’ का ये मिशन मंगल करीब 7044 करोड़ रुपये का था.
 
‘इनसाइट’ की मंगल पर लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया सात मिनट तक चली. भारतीय समयानुसार सोमवार रात 1.24 बजे ‘इनसाइट’ ने मंगल की सतह पर उतरा. सात मिनट तक पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दम साधे इस पूरी प्रक्रिया को लाइव देखते रहे. जैसे ही ‘इनसाइट’ ने मंगल की सतह को छुआ, सभी वैज्ञानिक खुशी से झूमने लगे. नासा के प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टाइन ने इनसाइट के टचडाउन का ऐलान करते ही सभी को बधाई दी.
 
इसी साल 5 मई को नासा ने कैलिफोर्निया के वंडेनबर्ग एयरफोर्स स्टेशन से एटलस वी रॉकेट के जरिए लांच किया था. इससे पहले 2012 में मंगल पर पहला यान क्यूरोसिटी भेजा गया था. उस मिशन में मंगल ग्रह पर पानी की मौजूदगी के बारे में पता किया गया. वहीं इस बार ‘इनसाइट’ मंगल की आंतरिक संरचना के बारे में पता करेगा. यान के मंगल की धरती पर उतरते ही दो वर्षीय मिशन शुरू हो गया है.