पाकिस्तानी विमानों पर भारतीय हवाई क्षेत्र में लगा बैन हटा, लेकिन एक साथ नहीं खुलेंगे सारे एंट्री पॉइंट

पाकिस्तानी विमानों पर भारतीय हवाई क्षेत्र में लगा बैन हटा, लेकिन एक साथ नहीं खुलेंगे सारे एंट्री पॉइंट

 नई दिल्ली 
इंटरनैशनल फ्लाइट का प्रयोग करनेवालों के लिए बड़ी राहत की खबर है। भारत द्वारा पाकिस्तानी विमानों के लिए एयर स्पेस पर लगाए गए अस्थायी बैन को हटा लिया है। पुलवामा हमले के बाद 27 फरवरी के बाद से एयरस्पेस बंद कर दिया गया था। 94 दिनों से बंद पड़े एयरस्पेस के शुरू होने से इंटरनैशनल फ्लाइट का परिचालन अब इस क्षेत्र से हो सकेगा। रविवार को इसकी शुरुआत अहमदाबाद के पास तेलेम से होगी।  
 
रविवार शाम से होगी शुरुआत 
लंदन से दिल्ली जानेवाली फ्लाइट अब इस वायुमार्ग के जरिए परिचालन कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस क्षेत्र में 10 ऐसे पॉइंट हैं जहां से पिछले 94 दिनों से परिचालन बंद था। सूत्रों का कहना है कि तेलेम पहला पॉइंट होगा जो सबसे पहले खुलेगा और इसके बाद धीरे-धीरे बाकी 10 पॉइंट भी दोनों ही दिशाओं पूर्व से पश्चिम और पश्चिम से पूर्व की ओर के परिचालन के लिए खुल जाएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'पूर्वी क्षेत्र के बाउंड्री पॉइंट तेलेम को रविवार को खोल दिया जाएगा। भारतीय समय के अनुसार 5.30 बजे यह पॉइंट खुलेगा और इसके लिए एयरमैन को नोटिस भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए जारी कर दिया गया है। बाकी के सभी पॉइंट अलग-अलग फेज में खोले जाएंगे।' 
 
सामान्य परिचालन में अभी लग सकता है वक्त 
भारतीय अधिकारी इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा इसकी ठीक-ठीक जानकारी फिलहाल नहीं दे सकते। अधिकारियों का कहना है कि कि इस प्रक्रिया में कई देश पाकिस्तान, मस्कट, अफगानिस्तान और ईरान शामिल हैं। 27 फरवरी को भारतीय हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी विमानों के लिए बंद करने के बाद से सभी देश दूसरे वैकल्पिक रास्ते का प्रयोग कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि फिर से इसी रास्ते का प्रयोग पूरी तरह से शुरू होने में कुछ वक्त लग सकता है। 

यूएन इंटरनैशनल सिविल एविएशन को भी दी जानकारी 
भारत ने यूएन इंटरनैशनल सिविल एविएशन संस्था को भी 27 फरवरी के बाद से लागू किए गए बैन को हटाने की सूचना दे दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस क्षेत्र में कुल 11 पॉइंट हैं जो पुलवामा अटैक के बाद से बंद थे। उन्हें फिर से खोल दिया गया है। एयरलाइन कंपनियां अपनी सुविधा के अनुसार इन रूट का प्रयोग कर सकती हैं।' 

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अचानक से ही 3 महीने से अधिक समय से बंद रूट पर फिर से विमानों का परिचालन नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे काफी अव्यवस्था हो जाएगी। 27 फरवरी को जब बैन लगाया गया था तो भी एयरलाइंस को अचानक हुए बदलाव के कारण काफी अफरा-तफरी जैसे हालात का सामना करना पड़ा था। एअर इंडिया की यूएस-दिल्ली नॉनस्टॉप फ्लाइट को भी गल्फ क्षेत्र में ईंधन भरने के लिए रुकना पड़ रहा था। अरब सागर के ऊपर के हवाई मार्ग का प्रयोग करने के कारण इन विमानों को कराची हवाई क्षेत्र को छोड़कर वैकल्पिक मार्ग अपनाना पड़ रहा था, जिससे रूट काफी लंबा हो जाता था। हालांकि, इस बैन के कारण एयरलाइंस कंपनियों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा था क्योंकि विमान में अतिरिक्त ईंधन की जरूरत होती थी। इसका सीधा असर यात्रियों के टिकट किराये में वृद्धि के तौर पर भी पड़ रहा था।