पीथमपुर में भी शुरू हुआ फेबिफ्लू का उत्पादन, किल्लत दूर होने के आसार

इंदौर
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच दवा के रिटेल काउंटरों से गायब हुई दवा फेबिफ्लू की किल्लत अब भी बरकरार है। इस बीच पीथमपुर की एक दवा कंपनी ने भी इसका उत्पादन शुरू कर दिया है। थोक बाजार में भी फेबिफ्लू का स्टाक पहुंंच चुका है। आसार बन रहे हैं कि एक-दो दिन में दवा की उपलब्धता सुलभ हो जाएगी। इस बीच कुछ दवा विक्रेताओं पर इसका स्टाक कर मुनाफा कमाने के लिए किल्लत पैदा करने का आरोप भी लगने लगा है। हालांकि व्यापारी कह रहे हैं कि कम अवधि की एक्सपायरी होने के कारण इसका स्टाक संंभव ही नहीं है।
कोरोना संक्रमित होने के बाद लगभग हर मरीज को डाक्टर अन्य दवाओं के साथ फेबिफ्लू की भारी-भरकम खुराक लिख रहे हैं। फेबिफ्लू में 400 एमजी और 800 एमजी गोलियों की मांग सबसे ज्यादा है। बीते दिनों कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही दवा दुकानों से गायब होने लगी थी। 10-12 दिनों से दुकानों पर दवा आसानी से उपलब्ध नहीं है। इस बीच होम डिलीवरी के नाम पर कुछ लोगों ने एमआरपी से ज्यादा दामों पर इसकी आपूर्ति भी शुरू कर दी थी। इस बीच प्रशासन भी चुप्पी साध कर देखता रहा। न तो दवा दुकानों से इसका स्टाक लिया गया और न ही उपलब्ध सुनिश्चित करवाने के लिए प्रशासन के कोई प्रयास हुए। इस बीच दवा की किल्लत को लेकर लोगों की नाराजगी भी बढ़ती दिख रही है।
इंदौर दवा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल का कहना है कि असल में फेबि फ्लू के माल की बाजार में कोई कमी नहीं है। बाकलीवाल ने कहा कि उनके समेत कुल करीब 45 स्टाकिस्ट है। सभी के पास माल है। बीते दिनों कोरोना का भय फैलने के कारण कुछ लोगों ने बिना जरुरत के घर में ही दवा खरीदकर रख ली थी। एकाएक मांग बढ़ी तो स्टाक खत्म हुआ। असल में अब तक यह दवा सिक्किम से आ रही थी। ऐसे में कई बार उड़ान निरस्त होने या अन्य कारणों से माल आने में देरी हुई।
अब ग्लैनमार्क कंपनी ने पीथमपुर में भी इस दवा का उत्पादन शुरू कर दिया है। अन्य कंपनियों ने भी इसका उत्पादन अन्य हिस्सों से शुरू कर बढ़ा दिया है। जल्द ही बाजार में अच्छी तादात में दवा दिखने भी लगेगी। दरअसल इस दवा की एक्सपायरी भी सिर्फ तीन महीने की है। ऐसे में इसका स्टाक चाहकर भी कोई नहीं रोक सकता। वर्ना दवा खराब हो जाएगी। लोगों को उपलब्धता को लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं है।