पूर्व न्यायाधीश करेंगे नवरात्र में कालका जी मंदिर में चढ़ावे की निगरानी, रोजाना एक बार खोला जाएगा दानपात्र

पूर्व न्यायाधीश करेंगे नवरात्र में कालका जी मंदिर में चढ़ावे की निगरानी, रोजाना एक बार खोला जाएगा दानपात्र

नई दिल्ली
नवरात्र के मौके पर ‌कालकाजी मंदिर में चढ़ावे के बंटवारे को लेकर होने वाले विवाद और वहां व्याप्त अव्यवस्था पर उच्च न्यायालय ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए पूर्व न्यायाधीश और एक अधिवक्ता को मंदिर का रिसीवर नियुक्त किया है। जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने एक महिला की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है।  न्यायालय ने हाल ही में उक्त महिला की याचिका पर कहा था कि उसे अपनी बारी में मंदिर में अपने प्रतिनिधि के माध्यम से पूजा करने और चढ़ावे की रकम से हिस्सा प्राप्त करने का अधिकार है। उच्च न्यायालय ने चढ़ावे की रकम से छठा हिस्सा याचिकाकर्ता को देने और बाकी रकम हाईकोर्ट स्थित यूको बैंक की शाखा में जमा करवाने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने माना है कि नवरात्र के दौरान मंदिर में काफी अधिक चढ़ावा आता है और इसी वजह से हमेशा विवाद होता है। न्यायालय ने कहा है कि मंदिर में चढ़ावे को लेकर निचली अदालत में करीब 70 मामले विचाराधीन है। उच्च न्यायालय ने नवरात्र के मद्देनजर 22-23 अप्रैल तक की व्यवस्था देखने और कालकाजी मंदिर में आने वाले दान, प्रसाद आदि का आंकलन के लिए सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एच.एस. शर्मा और अधिवक्ता अनुराग अहलुवालिया को रिसीवर नियुक्त किया है। न्यायालय ने रिसीवर 17 अप्रैल को कालकाजी मंदिर में जाकर दान पेटियों में ताला लगाने, प्रसाद और दान के साथ-साथ वहां से आने वाले तह बाजारी का आकलन करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी।

हर रोज एक बार खोला जाएगा दानपत्र
उच्च न्यायालय ने मंदिर परिसर में लगे सभी दान पात्रों की चाबियां रिसीवर को अपने पास रखने का निर्देश दिया है। साथ ही हर रोज दानपात्र को एक बार खोलने को कहा है। रकम गिनने के बाद छठा हिस्सा याचिकाकर्ता महिला को देने के अलावा बाकी रकम उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के बैंक खाते में जमा कराने को कहा है।