प्रदेश में नये थाने ग्रामीणों की सहूलियत के अनुसार खोले जायें : गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू

प्रदेश में नये थाने ग्रामीणों की सहूलियत के अनुसार खोले जायें : गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू

रायपुर
गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने आज पुलिस मुख्यालय, अटल नगर, रायपुर में बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों की बैठक ली। गृह मंत्री के पुलिस मुख्यालय आगमन पर पुलिस महानिदेशक श्री डी. एम. अवस्थी, महानिदेशक श्री आर. के. विज. और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री अरूण देव गौतम ने गुलदस्ता भेंटकर उनका स्वागत किया। पुलिस मुख्यालय में छत्तीसगढ़ शसस्त्र बल की टुकड़ी द्वारा गृह मंत्री को सलामी दी गई।

गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक संक्षिप्त रूप से परिचयात्मक बैठक है। उन्होंने कहा कि राज्य की ग्रामीण जनता बहुत सीधे और सरल स्वभाव की है। पुलिस अधिकारी अपने स्वभाव में थोड़ा सा परिवर्तन लाकर आम जनता का विश्वास जीत सकते हैं और जनता मन से पुलिस का सम्मान करेगी। गृह मंत्री ने कहा कि नये थाने प्रारंभ करते समय जनता की सहूलियत और पुलिस की सुविधा का ध्यान रखा जाये। प्रदेश में कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां से अन्य पुलिस थानों की दूरी नजदीक है जबकि अधिसूचित थाने की दूरी काफी दूर हो जाती है। 

उन्होंने थाना और चौकी क्षेत्रों का परीसिमन एवं आवश्यकता की समीक्षा करने के निर्देश दिये। गृह मंत्री ने कहा कि ग्रामीण जन थाने में अपनी शिकायत लेकर बहुत उम्मीदों के साथ आते हैं थाने के कर्मचारियों को प्राथमिकी दर्ज करने और उनकी समस्याओं का निराकरण करने में मर्यादित व्यवहार करना चाहिए ताकि उन्हें निराशा ना हो। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस के आधुनिकीकरण की बात हो अथवा पुलिस कर्मचारियों के आवास तथा उनके कल्याण के कार्यों के लिये शासन स्तर पर हर संभव राशि उपलब्ध कराई जायेगी। श्री साहू ने आशा व्यक्त किया कि पुलिस कुछ अच्छा काम करेगी जिससे आम जनता को भी खुशी होगी।

पुलिस महानिदेशक श्री डी. एम. अवस्थी ने रेंज और जिलों से आये पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों तथा सेनानियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस में हर व्यक्ति की भुमिका महत्वपूर्ण होती है, परंतु जिले में पुलिस अधीक्षक की भुमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। पुलिस थानों में कार्यरत छोटे कर्मचारी ग्रामीण जनो के सीधे संपर्क में रहते हैं अतः पुलिस अधीक्षक इन कर्मचारियों से भी बातचीत करें और बिना किसी दबाव में आये विधि सम्मत कार्य करें। ‘‘विश्वसनीय पुलिस और मजबूत पुलिस’’ की कार्य योजना के अनुरूप विजन डॉक्युमंेट में गाईड लाईन अन्लिमिटेड है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप और गृहमंत्री के मार्गदर्शन में हमें छत्तीसगढ़ पुलिस को मॉडल पुलिस के रूप में तैयार करना है।

उन्होंने कहा कि यदि किसी कर्मचारी की समस्या का निराकरण जिला स्तर अथवा रेंज स्तर पर हो जाता है तो उसे पुलिस मुख्यालय तक आने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, आप सभी अधिकारियों को सप्ताह में एक दिन अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से मिलने और बातचीत करने का समय निर्धारित करना चाहिए। पुलिस अधीक्षक को जनता के बीच लीडरशीप के रूप में स्थापित रखना चाहिए। जिला पुलिस अधीक्षक जिले के लिए एक कुशल प्रबंधक भी होता है। 

पुलिस अधीक्षक बहुत महत्वपूर्ण पद होता है उसे अपराध की विवेचना, अपराधी को पकड़ना न्यायिक व्यवस्था के तहत उसे सजा दिलाना और इन सभी प्रक्रियाओं की मॉनिटरिंग भी करना चाहिए। श्री अवस्थी ने कहा कि पुलिस अधीक्षकों को एक आम नागरिक की तरह अपने थानों में जाकर वहां की गतिविधियों और वातावरण का अवलोकन करना चाहिए और देखना चाहिए कि हमारे पुलिस के अधिकारी, कर्मचारी आमजनो से कैसा व्यवहार कर रहे हैं, उन्हें ग्रामीण अंचलों में एवं यातायात बाधित होने वाले स्थानों पर भी आम नागरिक के रूप में जाकर अनुभव करना चाहिए और समस्या का निराकरण भी करना चाहिए। श्री अवस्थी ने राज्य के सभी बटालियनों से आये सेनानियों को संबोधित करते हुए कहा कि, सेनानी अपने बटालियन का मुखिया होता है उसको अपने अधीनस्थ समस्त अधिकारी और कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण अपने स्तर पर करना चाहिए।

बैठक में महानिदेशक श्री आर. के. विज, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री अरूण देव गौतम ने अपनी-अपनी शाखाओं से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य योजना और उनके क्रियान्वयन के संबंध में पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया। बैठक में बिलासपुर, सरगुजा और रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सर्व श्री हिमांशु गुप्ता, प्रदीप गुप्ता और दीपांशु काबरा ने अपने-अपने रंेज से संबंधित जानकारियां दी।