प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: जानें, कैसे पाएं हर महीने ₹10,000 पेंशन

नई दिल्ली 
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के तहत निवेश की अधिकतम सीमा दोगुनी होकर 15 लाख रुपये हो चुकी है। साथ ही इस योजना में निवेश सीमा को दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है। यह सीमा 3 मई 2018 को समाप्त हो रही थी। अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 कर दिया गया है। इससे पहले की वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना- 2014 के तहत 3.11 लाख वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हुए थे।
 

कैसे लें पॉलिसी? 
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीकों से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ऑलाइन एनरॉलमेंट के लिए एलआईसी की वेबसाइट पर जाएं और ऑफलाइन के लिए एलआईसी की शाखा में। 

कितने पैसे जमा कराने होंगे? 
इस योजना के तहत एक बार एकमुश्त रकम जमा करवानी पड़ती है। यह रकम कम-से-कम 1.50 लाख और ज्यादा-से-ज्यादा 15 लाख रुपये हो सकती है। पेंशनर को यह अधिकार होगा कि वह ब्याज की रकम या तो पेंशन के रूप में या एकमुश्त ले। 

पेंशन मोड - न्यूनतम जमा रकम - अधिकतम जमा रकम 
वार्षिक - 1,44,578 - 14,45,784 
छमाही - 1,47,601 - 14,76,014 
तिमाही - 1,49,068 - 14,90,684 
मासिक - 1,50,000 - 15,00,000 

8 से 8.30% का रिटर्न 
पीएमवीवीवाइ के तहत जमा रकम पर 8 से 8.30% प्रति वर्ष का निश्चित रिटर्न मिलता है। ब्याज की दर इस बात पर निर्भर करती है कि पेंशनर मासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक, किस क्रम में पेंशन की रकम लेगा। हर महीने पेंशन लेनेवालों को 8% का ब्याज जबकि सालाना पेंशन लेने पर 8.30% का ब्याज मिलेगा। 

₹1,000 से ₹10,000 तक पेंशन 
पीएमवीवीवाई 60 साल और उससे अधिक उम्र के नागरिकों के लिए है। इस योजना के तहत 10 साल तक 8% के निश्चित सालाना रिटर्न की गारंटी के साथ पेंशन सुनिश्चित होती है। निवेश सीमा बढ़ने से वरिष्ठ नागरिकों को प्रति माह अधिकतम ₹10 हजार जबकि न्यूनतम ₹1,000 पेंशन प्रतिमाह मिलने की गारंटी मिल गई है। 

रिटर्न की गारंटी 
दरअसल, पेंशन के रूप में ब्याज की ही रकम मिलती है। इसे ऐसे समझें कि अगर आपने 15 लाख रुपये जमा कर दिए तो 8% की दर से इस पर साल का 1 लाख 20 हजार रुपये ब्याज मिलेगा। ब्याज की यही रकम मासिक तौर पर 10-10 हजार रुपये, हर तिमाही में 30-30 हजार रुपये, साल में दो बार 60-60 हजार रुपये या साल में एक बार एकमुश्त 1 लाख 20 हजार रुपये पेंशन के रूप में दे दी जाती है। अंतर सिर्फ इतना है कि दूसरे जमा पर ब्याज की दर की समीक्षा सरकार हर तिमाही में करती है जबकि पीएमवीवीवाइ पर ब्याज की दर कम-से-कम 8% निश्चित है। ध्यान रहे कि तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर पेंशन लेने का विकल्प चुनते हैं तो इसके मुताबिक आपको 15,000 लाख से कम रुपये जमा कराने होंगे। जैसा का ऊपर बताया जा चुका है। 

कब से मिलती है पेंशन? 
पेंशन की पहली किस्त रकम जमा कराने के एक साल, छह महीने, तीन महीने या एक महीने के बाद मिलेगी। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप इनमें से किसका चयन करते हैं। 

पेंशन लेने के विकल्प 
इसमें पेंशन मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर लेने का विकल्प है। 

मच्योरिटी बेनिफिट 
10 वर्ष के पॉलिसी टर्म तक पेंशनर के जिंदा रहने पर जमा रकम के साथ-साथ पेंशन भी दी जाती है। 

मृत्यु लाभ 
पॉलिसी टर्म के 10 वर्षों के अधीन पेंशनर की मृत्यु होने पर जमा रकम वापस की जाती है। 

पेंशनर खुदकुशी कर ले तो? 
अगर पेंशनर खुदकुशी कर ले तो भी जमा रकम वापस मिल जाएगी। 

योजना का लाभ लेने की शर्तें 
1. कम-से-कम 60 साल की उम्र पूरी कर ली हो। 
2. 60 साल के बाद उम्र की कोई अधिकतम सीमा नहीं। 
3. पॉलिसी टर्म- 10 वर्ष 

4. कम से कम पेंशन- ₹1 हजार/माह 
3,000 रुपये प्रति तिमाही 
6,000 रुपये प्रति छमाही 
12,000 रुपये प्रति वर्ष 

5. अधिकतम पेंशन- ₹10,000/माह 
30,000 रुपये प्रति तिमाही 
60,000 रुपये प्रति छमाही 
1 लाख 20 हजार रुपये प्रति वर्ष 

एक परिवार को ₹10,000 से ज्यादा पेंशन नहीं 
इस स्कीम की संचालक एलआईसी की वेबसाइट के मुताबिक, पेंशन की अधिकतम सीमा एक पेंशनर नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार पर लागू होती है। मतलब, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत एक परिवार से जितने भी लोग पेंशन प्लान लेंगे, उन सबको मिलनेवाली पेंशन की रकम मिलाकर 10,000 रुपये से ज्यादा नहीं होगी। पेंशनर के परिवार में पेंशनर के अलावा जीवनसाथी और उनके आश्रित शामिल हैं। 

योजना से बीच में ही निकल गए तो? 
योजना में मच्योरिटी से पहले निकलने का विकल्प है। अगर पेंशनर को गंभीर बीमारी का इलाज करवाने के लिए पैसे की जरूरत हो तो आपकी ओर से जमा की गई रकम का 98% मिल जाएगा। 

क्या लोन ले सकते हैं? 
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत रकम जमा कराने के तीन साल के बाद लोन लिया जा सकता है। आप जितनी रकम जमा कराएंगे, उसके 75% तक लोन ले सकते हैं। लोन की रकम पर ब्याज हर तिमाही तय होती है। आप जब तक लोन की रकम वापस नहीं कर देते तब तक आपको हर छह महीने पर ब्याज देना होगा। दरअसल, ब्याज की रकम आपको मिल रही पेंशन से ही काटी जाएगी। 

इस योजना पर टैक्स छूट है? 
इस स्कीम पर जीएसटी नहीं देना पड़ता है। हालांकि, केंद्र सरकार या संविधान से अधिकार प्रदत्त किसी टैक्स अथॉरिटी की ओर से भविष्य में टैक्स लागू किया जा सकता है। अगर कोई टैक्स देना पड़ता है तो इसे योजना के तहत मिलनेवाले लाभ में शामिल नहीं किया जा सकता है।