बच्चों को कुपोषण मुक्त करने पुख्ता उपाय सुनिश्चित की जाय: कलेक्टर
राजनांदगांव
कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने जिले के 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूर्णतः कुपोषण से मुक्त करने हेतु सभी जरूरी एवं पुख्ता उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर श्री मौर्य आज 1 जून को कलेक्टोरेट सभाकक्ष राजनांदगांव में आयोजित महिला एवं बाल विकास विभाग के विभागीय समीक्षा बैठक में विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उक्ताशय के निर्देश दिए है। इसके लिए उन्होंने बच्चों की माता-पिता की काउंसलिंग, जन-जागरूकता, सामुदायिक भागीदारी के साथ-साथ विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा इस कार्य की सतत् मानिटरिंग आदि कार्याे को भी सुचारू रूप से जारी रखने के निर्देश भी दिए है। कलेक्टर ने कहा कि कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में समय पर नाश्ता-भोजन एवं पौष्टिक आहार मिल सके, इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में शत-प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा है। बैठक में अपर कलेक्टर श्री एसएन मोटवानी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सुश्री गुरप्रीत कौर सहित परियोजना अधिकारी एवं सुपरवाईजर उपस्थित थे।
कलेक्टर मौर्य ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को कुपोषण मुक्ति अभियान के महत्व के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि यह कार्य उसके विशेष प्राथमिकता में शामिल है। कलेक्टर श्री मौर्य ने कहा कि कुपोषण समाज के सामने अत्यंत गंभीर समस्या है। इससे मुक्ति के लिए सामुदायिक भागीदारी, माता-पिता एवं अभिभावकों की जागरूकता के अलावा इसके लिए योजना बनाकर कार्य करना अत्यंत आवश्यक है। कलेक्टर ने कुपोषण के दुष्प्रभावों के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि कुपोषित बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास पूरी तरह से रूक जाता है। उन्हांेने कहा कि एक निश्चित उम्र तक बच्चे के कुपोषण मुक्ति के उपाय सुनिश्चित नहीं करने पर बच्चा जीवन भर दुर्बल एवं मानसिक रूप से भी कमजोर हो जाता है। श्री मौर्य ने बच्चों को कुपोषण मुक्त रखने हेतु माँ के गर्भ से ही उनके देखभाल के उपाय सुनिश्चित करने को कहा। इसके लिए उन्होंने सर्वप्रथम सभी गर्भवती माताओं का शत-प्रतिशत पंजीयन, समय पर उनका टीकाकरण के अलावा महतारी जतन योजनांतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रांे पौष्टिक भोजन प्रदान करने के अलावा सभी जरूरी उपाय करने को कहा। कलेक्टर ने इनके लिए बच्चों एवं गर्भवती माताओं के परिजनों को भी जागरूक एवं प्रेरित करने के निर्देश दिए। श्री मौर्य ने सभी सुपरवाईजरों को अपने अधिनस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के निरंतर इसकी जानकारी लेकर मानिटरिंग करने को कहा। कलेक्टर श्री मौर्य ने स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर सभी गर्भवती माताओं का समय पर शत-प्रतिशत टीकाकरण एवं स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित कराने को कहा। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को सभी गर्भवती माताओं को पात्रतानुसार शासन के सभी योजनाओं का लाभ भी सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
मौर्य ने सभी गर्भवती माताओं का एएनसी जांच कराने एवं संस्थागत प्रसव सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके समुचित प्रचार-प्रसार हेतु प्रत्येक कलस्टर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वाट्सएप्प ग्रुप बनाने के निर्देश भी दिए। श्री र्मार्य ने कहा कि इस अभियान को पूरा करने के लिए सतत् प्रयास एवं लोगांें के व्यवहार में परिवर्तन लाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस कार्य को सफल बनाने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भागीदारी को अत्यंत आवश्यक बताया। श्री मौर्य ने छोटे बच्चों को डायरिया आदि के प्रकोप से बचाने के लिए नियमित साफ-सफाई तथा बच्चों को प्रत्येक दो-दो घंटे में माँ का दूध पिलाने एवं बच्चों को समय पर भोजन खिलाने हेतु प्रेरित करने हेतु निर्देश भी दिए। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में कोई भी कुपोषित बच्चा अनुपस्थित रहे। श्री मौर्य ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को सुबह का नास्ता दोपहर का भोजन एवं अन्य पौष्टिक आहार समय पर मिलना चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण दूर करने हेतु बच्चों को समय पर नाश्ता मिलना अत्यंत आवश्यक होता है। इसके अलावा उन्होंने बच्चों का नियमित वजन की जांच करने एवं सभी बच्चों का समय पर टीकाकरण आदि अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने स्थानीय परिस्थिति के आधार पर बच्चों का डाईट प्लॉन बनाने को कहा। इसके अंतर्गत उन्होंने बच्चों के भोजन में मुनगा, सरसों जैसे स्थानीय उत्पाद को भी शामिल करने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ मिलकर योजना बनाने के निर्देश दिए।
मौर्य ने इस कार्य के अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी को मानपुर, मोहला एवं अम्बागढ़ चौकी तथा छुरिया विकासखंड के सुदूर वनांचल क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रीत कर इन क्षेत्रों का निरंतर दौरा करने को कहा। इसके अलावा उन्हांेने 11वीं-12वीं से लेकर महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को भी कुपोषण के संबंध में जानकारी देने हेतु कार्यशाला आदि आयोजित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री मौर्य ने महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्य को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियांे को अपने विभाग के सामाजिक उŸारदायित्व के कार्य को पूरा करने के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ करने को कहा। जिससे की उनके शासकीय दायित्वों के सफल निष्पादन के साथ-साथ आत्मसंतुष्टि भी मिल सके।