सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के संबंध में निर्देश

बेमेतरा
विधानसभा निर्वाचन 2018 के तहत् निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार के लिए शासकीय, अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाते हैं तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्भों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडियां लगाई जाती हैं। इसके कारण शासकीय, अशासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी महादेव कावरे ने बताया कि सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा-3 में उल्लेख है कि कोई भी जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति से स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थों से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा वह जुर्माने से जो 1000 रूपए तक का हो सकेगा वो दण्डनीय होगा। कलेक्टर ने मुख्य नगर पालिका अधिकारियों, विद्युत एवं लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता, जनपद पंचायत के सी.ई.ओ. को इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।

अधिनियम के तहत जारी आदेश में यह कहा गया है कि किसी भी राजनीतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति पर बैनर लगाने, पोस्टर चिपकाने, चुनाव प्रचार से संबंधित झंडे लगाने या रंग, खड़िया से लिखे जाने से पूर्व निजी सम्पत्ति के स्वामी की लिखित सहमति, से संभावित दस्तावेज जिला निर्वाचन कार्यालय में आवश्यक रूप से उपलब्ध करायें। कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी अपने समर्थकों, अनुयायियों को झंडे लगाने, बैनरों को लटकाने, नोटिसों को चिपकाने, नारे आदि लिखने के लिए सम्पत्ति स्वामी की अनुमति के बिना नहीं कर सकेंगे। इसमें भवन, भूमि, अहाता आदि शामिल है। यदि बिना सहमति से किसी निजी सम्पत्ति पर बैनर लगा हो, पोस्टर चिपका हो, चुनाव प्रचार संबंधी झंडे लगे हो या रंग अथवा खड़िया से लिखकर सम्पत्ति को विरूपित किया जाना पाया जाएगा तो, सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत न केवल दण्डित किया जाएगा अपितु उसे हटाये जाने में होने वाले व्यय की वसूली भू-राजस्व बकाया की भांति निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी, राजनीतिक दल आदि से की जाएगी। इसके साथ ही साथ होने वाले व्यय को राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशी के व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। भारतीय दण्ड संहिता और दण्ड प्रक्रिया संहिता के अधीन दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।