बांउसर पर हेलमेट टूटा चोट भी लगी, लेकिन इंग्लैंड को जीत दिलाकर ही लौटे बेन स्टोक्स

बांउसर पर हेलमेट टूटा चोट भी लगी, लेकिन इंग्लैंड को जीत दिलाकर ही लौटे बेन स्टोक्स

लीड्स
बेन स्‍टोक्‍स की यादगार (नाबाद 135 रन, 11 चौके और 8 छक्के) शतकीय पारी के दम पर इंग्‍लैंड ने हेडिंग्‍ले टेस्‍ट मैच में ऑस्ट्रेलिया पर 1 विकेट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। बेन स्टोक्स ने आखिरी विकेट के लिए स्पिनर जैक लीच (नाबाद एक) के साथ 76 रन की अटूट साझेदारी कर मैच ऑस्ट्रेलिया के जबड़े से छीनकर इंग्लैंड की झोली में डाल दिया। मैच के चौथे दिन जब कप्‍तान जो रूट के साथ बेन स्‍टोक्‍स बल्‍लेबाजी करने के लिए उतरे थे तो इंग्लैंड की हालत बहुत बुरी थी। टीम पर हार का संकट मंडरा रहा था।

पैट कमिंस, जोस हेजलवुड और जेम्‍स पैटिनसन जैसे तूफानी गेंदबाज पूरी लय में थे। चौथे दिन के खेल की समाप्ति पर इंग्लैंड ने 3 विकेट गंवाकर 156 रन बनाए थे। कप्तान जो रूट 75 और बेन स्टोक्स 2 रन बनाकर नाबाद थे। इंग्लैंड को मैच के आखिरी दिन जीत के लिए 203 रन और बनाने थे, जबकि ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट की दरकार थी। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की फॉर्म को देखते हुए यह बहुम मुश्किल नहीं लग रहा था। इंग्लैंड की टीम पहली पारी में इन्हीं गेंदबाजों के सामने सिर्फ 67 रन बनाकर सिमट गई थी।

जोश हेजलवुड की गेंद बेन स्टोक्स के सिर में जा लगी आखिरी दिन जब खेल शुरू हुआ तो जो रूट सिर्फ 2 रन और जोड़कर 77 के स्कोर पर पवेलियन लौट गए। उन्होंने नाथन लॉयन ने डेविड वॉर्नर के हाथों कैच आउट कराया। इसके बाद तो लगने लगा था कि इंग्लैंड को इस मैच में हार से कोई नहीं बचा सकता। लेकिन बेन स्टोक्स कुछ और ही ठान कर आए थे। इस दौरान जोश हेजलवुड की एक शॉर्ट पिच गेंद सीधे आकर बने स्टोक्स के हेलमेट पर लगी। स्टोक्स के हेलमेट का नेक गार्ड दो टुकड़े हो गया। ऐसे में स्‍टोक्‍स को न केवल अपना हेलमेट बदलना पड़ा बल्कि फिजियो की मदद भी लेनी पड़ी।

लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता गया तो स्टोक्‍स की नजरें जमती गईं और बल्‍ले से रन निकलता गया। इंग्‍लैंड की टीम ने अपना नौवां विकेट 286 के स्कोर पर गंवा दिया था। तब उसे जीत के लिए 73 रनों की दरकार थी। बेन स्टोक्स ने हार नहीं मानी और एक छोर से तेजी से रन बनाना जारी रखा, जबकि जैक लीच दूसरे छोर पर उनका साथ निभा रहे थे। बेन स्टोक्स इस निश्चय के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे कि अगर जीत गए तो वाह-वाह होगी और इतिहास बनेगा, हार तो वैसे भी काफी करीब थी। उन्‍होंने छक्‍कों की बौछार कर दी। मैच के चौथे दिन जब वह नाबाद लौटे थे तो उन्होंने 67 गेंदों में 2 रन बनाए थे। आखिरी दिन जब अपनी टीम को जीत दिलाकर नाबाद लौटे 219 गेंदों में 135 रन बनाए थे, जिसमें 11 चौकों के साथ 8 छक्के शामिल थे।