ब्रिटिश संसद में दूसरी बार खारिज हुआ ब्रेग्जिट करार
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ब्रिटेन
ब्रिटेन की संसद ने दूसरी बार ब्रेग्जिट करार को खारिज कर दिया. ब्रिटिश संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमंस’ ने 242 के मुकाबले 391 वोटों से इस करार को खारिज कर दिया. इससे पहले प्रधानमंत्री थेरेशा मे ने अपनी कन्जर्वेटिव पार्टी के सांसदों से अपील की थी कि वे अपनी 'निजी प्राथमिकताओं' को दरकिनार कर इस समझौते पर एकजुट हों.
यूरोपीय संघ से अलग होने की तय तारीख में अब महज 17 दिन का समय बचा है, ऐसे में जिस तरह से एक बार फिर से ब्रिटेन की संसद ने प्रधानमंत्री थेरेसा मे के ब्रेग्जिट करार को खारिज किया है, उसके बाद देश में अनिश्चितता का माहौल है. इससे पहले ब्रेग्जिट पर यूरोपीय यूनियन से वार्ता को लेकर ब्रिटेन की संसद में थेरेसा मे के प्रस्ताव के खिलाफ 303 सांसदों ने वोट किया था. जबकि समर्थन में 258 वोट पड़े थे.
संसद में हार के बाद लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने कहा कि थेरेसा को अपनी नाकाम ब्रेग्जिट पॉलिसी को स्वीकार करना चाहिए. अगर ब्रेग्जिट मामले को लेकर नई योजना के साथ आती हैं, तो संसद पर इस पर विचार कर सकती है. बता दें, ब्रिटेन 29 मार्च को ब्रेग्जिट से बाहर हो जाएगा. इससे पहले यूनाइटेड किंगडम की संसद में ब्रेग्जिट पर एतिहासिक वोटिंग हुई थी.
23 जून, 2016 को यूके में एक जनमत संग्रह हुआ और यह इस बात से जुड़ा था कि इसे यूरोपीय संघ का हिस्सा रहना चाहिए या फिर इसे छोड़ देना चाहिए. इस जनमत संग्रह में 52 प्रतिशत लोगों ने वोट किया और कहा कि यूके को यूरोपीय संघ से बाहर आ जाना चाहिए. वहीं, 48 प्रतिशत लोगों ने इसमें बने रहने के पक्ष में वोट किया.