मंत्री द्वारा तहसीलदार के निलंबित किए जाने के बाद कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ का विरोध

भोपाल
राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत द्वारा सीहोर तहसीलदार सुधीर कुशवाह को निलंबित किए जाने के बाद कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ खुलकर विरोध में आ गया है। संघ ने मंत्री की निलंबन घोषणा के विरोध में आज सीहोर के प्रभारी मंत्री आरिफ अकील से मिलकर हस्तक्षेप की बात की। साथ ही कहा है अगर निलंबन आदेश जारी हुआ तो प्रदेश भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री, मुख्य सचिव और प्रमुख राजस्व आयुक्त को संघ की ओर से ज्ञापन भी सौंपा गया है।
संघ की ओर से दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि मंत्री के साथ अनधिकृत व्यक्तियों के तहसील न्यायालय के डायस पर बैठने से न्यायालय की अवमानना हुई है। तहसीलदार द्वारा दस्तावेजों की जांच में पूरी तरह सहयोग किया गया और मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध कराए गए। इसके बाद भी उन्हें निलंबित करने की घोषणा मंत्री राजपूत ने कर दी है। संघ के प्रांताध्यक्ष एनएस ठाकुर के अनुसार मंत्री से निलंबन आदेश जारी नहीं किए जाने के लिए अनुरोध किया जा रहा है। अगर इसके बाद भी निलंबन आदेश जारी हुआ तो प्रदेश भर में तहसीलदार अनिश्चितकालीन विरोध दर्ज कराएंगे और न्यायालय की शरण लेंगे।
संघ का आरोप है कि सीहोर तहसील का निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री राजपूत तहसीलदार के न्यायालय प्रक्रिया के लिए बने डायस पर बैठ गए थे। उनके साथ विशेष सहायक और अपर कलेक्टर कमल नागर भी थे। नागर ने भी उन्हें डायस पर बैठने से नहीं रोका। यह न्यायालय की अवमानना है। मंत्री के बैठने के कारण गार्ड और बाकी नेता भी डायस पर जा पहुंचे थे। इसको लेकर मंत्री की कार्रवाई को सवालों के घेरे में खड़ा किया जा रहा है। उधर यह बात भी सामने आई है कि मंत्री राजपूत डायस पर तहसीलदार की कुर्सी पर नहीं बैठे थे। वे बगल में कम्प्यूटर आपरेटर के बैठने वाली जगह पर बैठकर दस्तावेज की जांच कर रहे थे।