मध्यप्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री के बेटे, बहू और पोती की निर्मम हत्या

कोरबा
मध्यप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, हरीश की पत्नी सुमित्रा कंवर और चार साल की मासूम बेटी आशी की अज्ञात हमलावरों ने अलसुबह 4 बजे धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर फरार हो गए। इस मामले में पुलिस ने बड़े भाई के साले व उसके दोस्त को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही हैं। वहीं घटना की सूचना मिलते ही विधायक मंत्री जय सिंह अग्रवाल घटनास्थल पर पहुंचे। घटना के समय हरीश की माँ मौजूद थी और हवालवरों ने उनकी बंद आंखों के सामने तीनों की हत्या कर फरार हो गए।
जानकारी के मुताबिक स्व. डा. प्यारेलाल का परिवार अभी भी कोरबा क्षेत्र में सक्रिय राजनीति से जुड़े हुए हैं। अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि सुबह 4 बजे के आस-पास हरीश के भाई खेत चले गए थे। कुछ देर बाद मकान में तीन लोग घुस आए। इस वक्त हरीश, उनकी पत्नी और बेटी नींद में थी। हमलावरों ने चाकू और हंसिए जैसे हथियारों से तीनों पर कई वार किए और हरीश के चेहरे और शरीर के कुछ हिस्सों को काटने का प्रयास किए, जिसके निशान साफ-साफ नजर आए रहे थे। सुबह जब ये वारदात हुई तो किसी ने बदमाशों को नहीं देखा। हरीश की बूढ़ी मां जीवन बाई उस वक्त घर पर ही थीं, चींखें सुनकर उठीं तब तक हत्यारे अपना काम कर चुके थे। उन्होंने जीवन बाई को कुछ नहीं किया। पुलिस की जांच टीम जब स्निफर डॉग के साथ आई तो डॉग घर के पास से निकली गली में गया और यहां से मेन रोड की तरफ गया। ये सड़क आछीमार गांव की ओर जाती है। पुलिस को शक है कि हमलावर इसी इलाके में भागे होंगे।
पुलिस पूछताछ में पता चला है कि हरीश कंवर के बड़े भाई हरभजन रोज की तरह सुबह मार्निंग वॉक पर निकले थे। जाने से पहले उन्होंने दरवाजे को अटका दिया था। इसके बाद ही हमलावर बिना शोर मचाए और तोडफोड़ किए आसानी से दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हो गए। ऐसे में इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों ने वारदात से पहले रैकी की होगी। इसके कारण उन्हें इस बात की जानकारी थी।
हरीश ने शुरूआती दिनों में कांग्रेस की राजनीति में सक्रियता दिखाई लेकिन उन्हें कोई बड़ा पद नहीं मिला। पार्टी में तवज्जो नहीं मिलने के कारण हरीश अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में चले गए। वहां भी वे कोई बड़ा पद या विधानसभा टिकट हासिल नहीं कर सके। जोगी के निधन के बाद हरीश राजनीति से पूरी तरह अलग हो गए थे और अपने परिवार सहित भैसमा जो उनका पैतृक गांव है वहीं खेती-किसानी करने लगे थे। हरीश की बहन हरेश कंवर अभी कोरबा जनपद अध्यक्ष हैं।
सनसनीखेज वारदात की खबर मिलते ही राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल समेत कई नेता भैसमा पहुंच गए। एसपी अभिषेक मीणा सहित कई पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर हैं। जब प्यारेलाल कंवर अपनी राजनीतिक शीर्ष पर थे तो उन्होंने ही जयसिंंह को कांग्रेस की राजनीति में अवसर दिए थे। जयसिंह ने कहा है कि किसी भी कीमत पर इस वारदात का खुलासा होगा और हत्यारे पकड़े जाएंगे। उन्होंने प्यारेलाल कंवर की पत्नी से भी बात की।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अमित जोगी ने इस हत्याकांड की खबर मिलते ही कहा कि कोरबा जिले के रामपुर क्षेत्र के भैंसमा गांव में मेरे छोटे भाई हरीश कंवर, उनकी धर्मपत्नी सुमित्रा और बेटी आशी की दर्दनाक हत्या के समाचार से मैं स्तब्ध हूं। वे बेहद सीधे, सरल और सहज स्वभाव के धनी थे। हम दोनों ने एक साथ राजनीति में प्रवेश किया था। कुदुरमाल में सद्गुरू कबीर साहेब के ऐतिहासिक धरोहर को अवैध ब्लास्टिंग से बचाने और लेमरु में हाथी-उत्पात प्रभावितों की जान बचाने और उन्हें उचित मुआवजा दिलाने के लिए उन्होंने सफल जनांदोलन किए थे।