मानसूत्र सत्र: विपक्ष ने सदन चलाने को लेकर सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
नई दिल्ली
संसद के आज से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान जहां विपक्ष ने दोनों सदनों में सामान्य कामकाज होने का भरोसा जताते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाये वहीं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने उम्मीद जतायी कि सत्र में लोकहित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी। महिला आरक्षण और भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने के मामलों (मॉब लिंचिंग) में बढ़ेातरी जैसे मुद्दों को इस सत्र में उठाए जाने की संभावनाओं के बीच विपक्षी दलों ने सत्तापक्ष को सदन की अबाध कार्यवाही का आश्वासन दिलाया।
राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा ‘‘विपक्ष सदन की सुचारू कार्यवाही सुनिश्चित करने में सकारात्मक सहयोग के लिए तत्पर है, लेकिन सत्तापक्ष की मंशा पर संदेह है।’’ झा ने कहा ‘‘मॉब लिंचिंग का मामला हो या महिला आरक्षण का मुद्दा हो, सत्तापक्ष का इरादा कुछ और है, इशारा कुछ और है।’’ भाजपा की राज्यसभा सदस्य रुपा गांगुली ने भी सदन की कार्यवाही सुचारु रुप से चलने की उम्मीद जताते हुए कहा कि जनहित के मुद्दों पर सकारात्मक बहस में विपक्ष को सहयोग करना चाहिए। महिला आरक्षण के मुद्दे पर गांगुली ने कहा ‘‘मेरी निजी राय है कि आज के दौर में महिलाओं को आरक्षण की उतनी जरूरत नहीं है जितनी पुराने समय में थी। लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें आजादी के इतने साल बाद भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाया है, उन क्षेत्रों में आरक्षण की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जो सवाल उठाए हैं, उनकी पार्टी की जिम्मेदारी थी कि तमाम क्षेत्रों में महिलाओं को आगे क्यों नहीं बढ़ाया गया। पूर्व सपा नेता और असंबद्ध सदस्य अमर सिंह ने विपक्ष के रुख का हवाला देते हुये सदन की कार्यवाही ग्रीष्मकालीन सत्र की तरह मानसून सत्र में भी बाधित रहने की आशंका जताई। उन्होंने कहा ‘‘पहले गर्मी से संसद झुलसी थी अब मानसून में भीगेगी। विपक्ष का काम ही यही है कि कामकाज न हो।’’ महिला आरक्षण के मुद्दे पर सिंह ने कहा कि यह विधेयक पारित होना चाहिये क्योंकि इस विधेयक पर सुषमा स्वराज से लेकर वृंदा करात तक सभी के बीच सहमति है। हालांकि उन्होंने महिला आरक्षण पर विपक्ष की मंशा पर सवाल उठाते हुये कहा ‘‘जो धर्मनिरपेक्ष बिरादरी है उसके प्रणेता, चाहे मायावती की पार्टी हो या अखिलेश और लालू जी की पार्टी हो, ये लोग इसके प्रबल विरोधी हैं। विधेयक पारित नहीं होने देने वालों का जखीरा विपक्षी खेमे में ही है।’’
कांग्रेस के हुसैन दलवई ने विपक्ष की ओर से सदन की सुचारु कार्यवाही में सक्रिय सहयोग का भरोसा दिलाते हुये उम्मीद जतायी कि विपक्ष को भी उसकी बात रखने का मौका दिया जाएगा। मॉब लिंचिंग का मुद्दा सदन में उठाये जाने के सवाल पर दलवई ने सत्तापक्ष की मंशा पर संदेह जताते हुए कहा ‘‘उच्चतम न्यायालय के आदेश का हम आदर करते हैं लेकिन मौजूदा कानून को ही अगर ठीक ढंग से लागू किया जाये तो अलग कानून का सवाल उठेगा ही नहीं।’’ उन्होंने कहा कि कानून बनने के बावजूद अगर सरकार ङ्क्षलङ्क्षचग करने वालों की अगर मदद करेगी तो कानून बनाने से क्या फायदा होगा।