मुस्कुराते हुए आईसीयू से निकली बच्ची, खिलौनों से खेली

इंदौर
शहर के एमवाय अस्पताल में भर्ती मंदसौर गैंगरेप पीडि़ता की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। मंगलवार सुबह उसे आईसीयू से निकालकर प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। बच्ची के हेल्थ को लेकर अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया है। इसमें अस्पताल अधीक्षक डॉ. वीएस पाल ने बताया कि बच्ची की मानसिक स्थिति में भी पहले से सुधार देखा जा रहा है। वह मुस्कुराते हुए परिजन से खुलकर बात कर रही है। इसके साथ ही जो उसके करीबी परिजन अस्पताल में नहीं है उनसे मोबाइल पर भी बात कर रही है।

वार्ड में उसे खिलौने भी दिए गए हैं। उनसे वह खेल रही है। बच्ची खाना भी ठीक से खा रही है। उसकी डाइट में भी सुधार हुआ है। मंदसौर पुलिस के बयान लेने की बात पर डॉ. पाल ने कहा कि मेडिकल बोर्ड इस मामले में फैसला लेगा। वैसे बच्ची की साइकोलॉजिकल स्थिति सुधर रही है, लेकिन बयान देने के लिए उसे अभी थोड़ा और वक्त देना चाहिए। हॉस्पिटल की डिस्चार्ज की बात पर कहा कि घाव भरने और टांके सूखने में एक से दो हफ्ते लगते हैं। इसके बाद ही डिस्चार्ज के बारे में कोई निर्णय ले पाएंगे। प्राइवेट वार्ड में भी साफ-सफाई, सुरक्षा को लेकर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। हर समय डॉक्टर भी मौजूद रहेंगे। बच्ची को कोई और ऑपरेशन होगा, इस मामले में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। बच्ची की लगातार काउंसलिंग भी करवाई जा रही है।

फांसी तो होती नहीं, दुष्कर्मी को बनाओ नपुंसक

मंदसौर और सतना में बच्चियों से दुष्कर्म की घटना के विरोध में भाजपा नेत्रियों ने सुखलिया चौराहे पर हस्ताक्षर अभियान चलाया। आंबेडकर मंडल अध्यक्ष छाया सक्सेना के मुताबिक बच्चियों के साथ बलात्कार करने वालों को फांसी की सजा न देते हुए उन्हें नपुंसक बना दिया जाए। नीचे से लेकर ऊपर तक की कोर्ट में सजा तो हो जाती है, लेकिन किसी भी बलात्कारी को अब तक फांसी दी नहीं गई। कुछ संगठन सामने आ जाते हैं माफी दिलाने के लिए और बाद में दया कर दी जाती है। इस दौरान श्रद्धा दुबे, गणेश गोयल, रेणु शर्मा, संतोष मौर्य आदि मौजूद थे।