राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने किया 20 करोड़ 38 लाख रूपए लागत के मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन के निर्माण कार्य का शुभारंभ

जबलपुर
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां 20 करोड़ 38 लाख रूपए की लागत से बनने वाले मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के निर्माण कार्य का समारोहपूर्वक शुभारंभ किया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने विधिवत् पूजन कर शिलापट्ट का अनावरण किया।

इस अवसर पर अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जबलपुर में आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के निर्माण की शुरूआत प्रसन्नता का क्षण है। उन्होंने कहा कि बच्चों, बुजुर्गों और निर्धनों को चिकित्सा की बेहतर से बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार ईमानदार प्रयास कर रही है। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश निरन्तर आगे बढ़ रहा है और निश्चित रूप से इसका फायदा प्रदेश की जनता को मिलेगा।

इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा परिदृश्य में और अधिक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ऐलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद व यूनानी चिकित्सा पद्धतियां एक विश्वविद्यालय से सम्बद्ध करने के मकसद से संस्कारधानी में मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना का निर्णय लिया गया था। श्री चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में ऐलोपैथी के साथ-साथ आयुर्वेद तथा अन्य चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएं।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि ज्यादातर बीमारियां अस्वच्छता के चलते ही पैदा होती हैं। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम अपने परिवेश की स्वच्छता सुनिश्चित करें ताकि बीमारियां होने की स्थिति ही उत्पन्न न हो। उन्होंने प्राइमरी स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के दंत, नेत्र व रक्त परीक्षण की व्यवस्था की जाना बच्चों के बचपन को स्वस्थ रखने की दृष्टि से अहम् होगा। राज्यपाल ने बेटियों के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने के खतरे से भी खबरदार किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी है कि बेटियों के माता-पिता को बुलाकर उन्हें उपयुक्त आहार के बारे में जानकारी दी जाए। श्रीमती पटेल ने इस बात पर जोर दिया कि परिवार की देख-रेख भी बच्चों में बीमारियों में कमी लाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिस प्रकार दूसरे देशों में वहां की भाषा ही सभी प्रकार की पढ़ाई के लिए माध्यम होती है उसी प्रकार चिकित्सा विधाओं में भी हिन्दी लागू करने की पहल की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा में विचारों का आदान-प्रदान निश्चय ही बेहतर ढंग से संभव होगा। हिन्दी को सामर्थ्यवान भाषा निरूपित करते हुए मुख्यमंत्री ने मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ आर.एस.शर्मा को हिन्दी भाषा में परीक्षा आयोजित कराने को लेकर बधाई दी। श्री चौहान ने अपने भाषण में नाड़ी देखकर ही रोग का निदान करने की भारतीय पद्धति का भी उल्लेख किया। श्री चौहान ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत जरूरत होने पर निजी चिकित्सालयों में भी इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है। उन्होंने मेडिकल, इंजीनियरिंग तथा अन्य व्यावसायिक पाठ¬क्रमों में बच्चों का प्रवेश होने पर मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत सरकार द्वारा फीस भरे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि गत वर्ष मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले 800 छात्रों की फीस सरकार द्वारा भरी गई। श्री चौहान ने आशा व्यक्त की कि मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों को नई दिशा देगी और डॉक्टर्स की कमी भी दूर होगी। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि चेस्ट, टी.बी. और न्यूरोलॉजी के क्षेत्र में विशेषज्ञता बढ़ाने की दृष्टि से 44 करोड़ 8 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं।

इस मौके पर सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री राकेश सिंह ने कहा कि चिकित्सा संसार में सेवा का सबसे बड़ा माध्यम है और डॉक्टर ही ऐसा व्यक्तित्व होता है जिसे भगवान की उपमा दी जाती है। उन्होंने कहा कि जबलपुर देश के उन गिने-चुने शहरों में से एक है जहां पांच विश्वविद्यालय संचालित हैं। इनमें से तीन विश्वविद्यालयों की सौगात देने का श्रेय मुख्यमंत्री श्री चौहान को है। इनमें प्रदेश की प्रथम मेडिकल यूनिवर्सिटी भी शामिल है। श्री सिंह ने कहा कि विकास की दृष्टि से मुख्यमंत्री जी ने सर्वाधिक सौगातें महाकौशल क्षेत्र को दीं हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में भी मुख्यमंत्री श्री चौहान क्षेत्र के विकास को गति देने में इसी प्रकार योगदान देते रहेंगे।

कार्यक्रम के आरंभ में कुलपति डॉ आर.एस. शर्मा ने राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को तुलसी का पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया। उन्होंने अतिथियों के सम्मान में स्वागत भाषण भी दिया। इस मौके पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने मेडिकल यूनिवर्सिटी के दन्त चिकित्सा संकाय द्वारा तैयार जर्नल ऑफ डेंटिस्ट्री का विमोचन भी किया।  

कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शरद जैन, विधायक अंचल सोनकर, सुशील तिवारी इंदु, प्रतिभा सिंह, नंदिनी मरावी व अशोक रोहाणी, महापौर डॉ स्वाति गोडबोले, जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल, जबलपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. विनोद मिश्रा, महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रभात साहू, मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के उपाध्यक्ष एस.के. मुद्दीन, पूर्व मंत्री अजय विश्नोई व हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू तथा भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष अभिलाष पाण्डे उपस्थित थे। इस दौरान अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा आर.एस. जुलानिया तथा जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, रानी दुर्गावती विश्वविद्या