समर्थकों ने फिर तैयार की पत्थलगड़ी, लिखा गया ग्रामसभा का संदेश

जशपुर
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पत्थलगड़ी को लेकर सियासत उफान पर है. 22 अप्रैल को बछरांव में पहली पत्थलगड़ी का उद्घाटन हुआ. फिर 28 अप्रैल को बुटंगा में बन रहे पत्थलगड़ी टूटने के बाद से दो समुदायों के आदिवासियों में टकराव की स्थिति बनी हुई है. अब पत्थलगड़ी समर्थकों ने सिहारडांड़ में सड़क किनारे फिर पत्थलगड़ी लिखकर तैयार कर दिया है जिसका उद्घाटन कल 6 अप्रैल को किए जाने की संभावना जताई जा रही है.

बुटंगा पंचायत के आश्रित ग्राम सिहारडांड़ के बगीचा - कलिया रोड के किनारे वर्ग विशेष के आदिवासियों ने बवाल मचने और लीडरों के जेल जाने के बाद भी अपना अभियान नहीं रोका है. बल्कि एक पत्थलगड़ी और तैयार कर ली है. इस पत्थलगड़ी में आदिवासी ग्रामसभा के सन्देश को साफ लिख दिए गया है. इसी तरह बछरांव और कलिया में भी पत्थलगड़ी की रंगाई,पोताई चल रही है. इस मामले पर हिन्दू एवं आदिवासी नेताओं ने प्रशासन से हस्तक्षेप कर मामले का पटाक्षेप करने की मांग की है. जिससे दो समुदायों के बीच बढ़ते टकराहट की स्थिति पर नियंत्रण किया जा सके.

वही इस मामले में प्रभावित क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य ने बताया कि क्षेत्र में सड़क बिजली पानी की समस्या है. इससे ग्रामीण आक्रोशित रहते है. समुदायों में बढ़ते टकराहट को लेकर प्रशासन को कैम्प लगाकर ग्रामीणों की समस्या समझनी चाहिए और इसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए. वहीं बगीचा एसडीएम हितेश बघेल का कहना है कि आगामी 6 मई को नए पत्थलगड़ी के आयोजन को लेकर प्रशासन सतर्क है. हर गतिविधियों पर नजर बनी हुई है.

पत्थलगड़ी के विस्तार पर भाजपा भी चुप नहीं बैठी है. भाजपा का कहना है कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर भारत के कानून को नहीं मानने और आदिवासियों को बरगलाकर सरकार के खिलाफ बगावत करने की पाठ पढ़ाने वाले ऐसे पत्थलगड़ी को हटाना देना चाहिए. प्रशासन इस मामले में पत्थलगड़ी समर्थकों को नोटिस देने के बाद चुप क्यों बैठी है. सर्व सनातन आदिवासी समाज ने भी प्रशासन को जल्द ही पत्थलगड़ी हटाने के लिए ज्ञापन सौंपा है. अब यदि इसमें लेटलतीफी होती है तो फिर पत्थलगड़ी को लेकर बवाल मचने की संभावना बढ़ जाएगी.