लोकसभा चुनाव 2019: मुलायम के लिए प्रचार करेंगी मायावती!

लोकसभा चुनाव 2019: मुलायम के लिए प्रचार करेंगी मायावती!

  
लखनऊ

आमतौर पर कहा जाता है कि राजनीति में कोई भी किसी का न तो पक्का दोस्त है और न ही दुश्मन।... कुछ ऐसी ही स्थिति आज उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रही है। गेस्ट हाउस कांड के बाद एक दूसरे की परछाईं से भी नफरत करने वाले मुलायम सिंह और मायावती अब एक ही मंच पर दिखाई दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक मायावती पुराने सारे गिले शिकवे भुलाकर सपा संरक्षक मुलायम सिंह के लिए चुनाव प्रचार करेंगी। मायावती 19 अप्रैल को मुलायम के गढ़ मैनपुरी में प्रचार करने पहुंचेंगी।
 1993 में भी हुआ था एसपी-बीएसपी गठबंधन 
साल 1992 में मुलायम सिंह यादव ने जनता दल से अलग हो कर समाजवादी पार्टी बनाई थी। पार्टी बनाने के बाद बीजेपी का रास्ता रोकने के लिए मुलायम ने 1993 में बहुजन समाज पार्टी से हाथ मिलाया और सरकार बनाई। हालांकि मायावती इस सरकार में शामिल नहीं हुई थीं। लेकिन, 2 जून 1995 को बीएसपी ने मुलायम सरकार से किनारा करते हुए समर्थन वापसी की घोषणा कर दी और जिससे दोनों दलों का गठबंधन टूट गया। मायावती के समर्थन वापसी के ऐलान के बाद मुलायम सरकार अल्पमत में आ गई। 
 क्या है गेस्ट हाउस कांड? 
गेस्ट हाउस कांड के बारे में सपा और बसपा ने 256 और 164 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ा। सपा अपने खाते में से 109 सीटें जीतने में कामयाब रही जबकि 67 सीटों पर हाथी का दांव चला। लेकिन दोनों की ये रिश्तेदारी ज़्यादा दिन नहीं चली। साल 1995 की गर्मियां दोनों दलों के रिश्ते ख़त्म करने का वक़्त लाईं। इसमें मुख्य किरदार गेस्ट हाउस है। इस दिन जो घटा उसकी वजह से बसपा ने सरकार से हाथ खींच लिए और वो अल्पमत में आ गई। भाजपा, मायावती के लिए सहारा बनकर आई और कुछ ही दिनों में तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल वोहरा को वो चि_ी सौंप दी गई कि अगर बसपा सरकार बनाने का दावा पेश करती है तो भाजपा का साथ है। 
 खुद नहीं लड़ेंगी लोकसभा चुनाव
सपा-बसपा गठबंधन के बाद अटकलें लगाई जा रहीं थी कि इस बार मायावती अंबेडकरनगर, बिजनौर सीट में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ सकती हैं लेकिन उन्होंने अब इससे साफ इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक मायावती ने लोकसभा चुनाव लडऩे से इनकार कर दिया है। वह सिर्फ दोनों दलों के उम्मीदवारों के लिए ही चुनाव प्रचार करेंगीं।