वन विभाग नहीं लगायेगा इस बार नीलगिरी पौधा

रायपुर
वन विभाग इस बार नीलगिरी के पौधे नहीं लगाएगा। बताया गया कि खरीदी प्रक्रिया में विलंब होने के कारण फैसला लिया गया है। इस साल भी करीब साढ़े चार करोड़ से अधिक पौधे लगाने की तैयारी थी। पिछले सालों में नीलगिरी के पौधा रोपण में अनियमितता की शिकायतें आई है। कई जगहों पर उन्हीं फर्मों से खरीदी की गई, जो कि ब्लैक लिस्टेड थी। इस बार भी सात करोड़ पौधे खरीदने की तैयारी चल रही थी। पिछले दिनों खरीदी प्रक्रिया को लेकर काफी मंथन भी हुआ। बैठक में यह बात उभरकर सामने आई कि अभी खरीदी होती है, तो एक महीने बाद ज्यादातर नीलगिरी के पौधे खराब हो जाएंगे। चूंकि इसमें काफी विलंब हो चुका है इसलिए खरीदी का कोई औचित्य नहीं है। आखिरकार विभागीय मंत्री मोहम्मद अकबर ने खरीदी के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया।
बताया गया कि क्लोनल नीलगिरी के पौधे खरीदी की प्रक्रिया से नाराज हुए और उन्होंने कहा कि जो प्रक्रिया अपनाई गई है वह कंपटीशन 2002 प्रक्रिया का उल्लंघन कर रही है इसलिए खरीदी निरस्त की जाती है प्रदेश के अधिकांश डीएफओ ने पुरानी प्रक्रिया के तहत ही नीलगिरी पौधा खरीदी करने के लिए निविदा आमंत्रित कर ली थी वन मंत्री मोहम्मद अकबर के पास जब यह फाइल अनुमोदन के लिए पहुंची तो उनका माथा ठनका पूरी प्रक्रिया को उन्होंने निरस्त कर दिया और आदेश दिया कि 7 करोड़ तेरा लाख नीलगिरी पौधे के स्थान पर विभाग सिर्फ 4 करोड़ 55 लाख पौधे ही लगाएगी।
बताया गया कि जब वन विभाग ने जेएम पोर्टल से क्लोनिल नीलगिरी पौधे खरीदने की प्रक्रिया अपनाई जिसमें पहले भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय प्रति पौधा 6 रुपए 95 पैसे में खरीदी की गई थी उसका रेट अभी2 रुपए 68 पैसे प्रति पौधा का टेंडर आया ओपन टेंडर का यह लाभ विभाग को मिला इसी प्रक्रिया के तहत अब पौधे खरीदे जाएंगे और वृक्षारोपण किया जाएगा।