वाराणसी में पहुंच गई ऑक्सीजन की खेप

वाराणसी में पहुंच गई ऑक्सीजन की खेप


वाराणसी. कोरोना संक्रमण के चलते ऑक्सीजन की कमी से कराहते वाराणसी के लिए राहत भरी खबर है. वाराणसी समेत पूर्वी यूपी के अलग-अलग जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखने के लिए बोकारो से ऑक्सीजन टैंकर रामनगर पहुंच गया है. ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इस ऑक्सीजन टैंकर को पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने रामनगर तक पहुंचाया. बता दें एक टैंकर में करीब 20 टन ऑक्सीजन क्षमता है, जिसमें से 15 टन वाराणसी के लिए और 5 टन आजमगढ़ को गैस दी गई है. इसके बाद अब जो टैंकर आएगा, उसमें वाराणसी के साथ मिर्जापुर को भी गैस आपूर्ति की जाएगी.

अब अगर अगर आंकड़ों के जरिए बनारस में ऑक्सीजन की उपलब्धता को समझा जाए तो यहां 2 दिन में एक टैंकर गैस की जरूरत है यानी मोटे तौर पर 1500 सिलेंडर वाराणसी के अस्पतालों में सांसों को बनाए रखने के लिए चाहिए. एक टैंकर में 20 टन गैस है, इस लिहाज से 15 टन गैस यानी पंद्रह सौ सिलेंडर की वाराणसी को जरूरत है.


अगर रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग और आपूर्ति के गणित समझें तो वाराणसी को प्रतिदिन 1000 इंजेक्शन की जरूरत है जबकि उपलब्धता 400 के करीब इंजेक्शन की है. ऐसे में यह तो साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अफसरों के साथ बैठक के बाद वाराणसी में ऑक्सीजन और इंजेक्शन की आपूर्ति बढ़ी है, जिसके नतीजे भी सामने आ रहे हैं.


लेकिन अब भी वाराणसी को बड़े स्तर पर ऑक्सीजन की सप्लाई की जरूरत है. रामनगर के औद्योगिक क्षेत्र के ऑक्सीजन प्लांट पर अब वाराणसी के साथ पूर्वांचल के अन्य जिलों का भी लोड बढ़ गया है. इस बीच राहत की एक खबर इसको मान सकते हैं कि अन्नपूर्णा इंडस्ट्रीज में 1 हफ्ते के अंदर ऑक्सीजन की क्षमता दोगुनी होने की उम्मीद है. फिलहाल कंपनी में हर दिन 900 सिलेंडर ऑक्सीजन की क्षमता है.


यहां पर अगर एक हफ्ते में क्षमता दोगुनी हो गई यानी कि 900 सिलेंडर की क्षमता और बढ़ गई तो रामनगर में ऑक्सीजन की क्षमता काफ़ी राहत देने वाली हो जाएगी. दूसरी ओर ट्रॉमा सेंटर और कैंसर हॉस्पिटल में कोविड के बेड अब बढ़ाए जाएंगे. ट्रामा सेंटर की क्षमता 140 बेड और कैंसर अस्पताल की 100 से अधिक बेड कर दी जाएगी.