शराब पीकर वाहन चलाने पर 2 हजार 610 लाइसेंस निलंबित

भोपाल
सड़क सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश में शराब पीकर वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं को काबू में करने के लिए सरकार अब तेजी से ड्रायविंग लाइसेंस निलंबित कर रही है। 2017 में 2 हजार 610 लोगों के लाइसेंस निलंबित हो चुके हैं। यह तथ्य सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा को लेकर गठित समिति के सामने रखे गए हैं।

हालांकि यह अब तक तय नहीं हो पाया है कि प्रदेश में मौजूद 616 ब्लैक स्पॉट (संभावित दुर्घटना क्षेत्र) में से 68 किस एजेंसी के हैं। समिति की बैठक अब दस अगस्त को दिल्ली में होगी। इसमें मुख्य सचिव बसंत कुमार सिंह को भी हिस्सा लेना है।

सूत्रों के मुताबिक गृह विभाग ने 10 अगस्त को होने वाली बैठक के मद्देनजर नए सिरे से प्रतिवेदन तैयार किया है। परिवहन विभाग ने बताया है कि जो 2 हजार 610 लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, उनमें 943 दोपहिया वाहन चालक और 1 हजार 186 चार पहिया वाहन चालक शामिल हैं।

यातायात पुलिस को वाहन चालकों की स्थिति की जांच करने के लिए बड़ी तादाद में ब्रीथ एनालाइजर दिए गए हैं। 21 हजार 942 स्पीड गवर्नर वाहनों में लगाए गए हैं। इससे तेज रफ्तार से वाहन चलाने वालों पर नियंत्रण लगा है।

ज्यादा निर्माण एजेंसियों की वजह से भ्रम

दरअसल, प्रदेश में आधा दर्जन से ज्यादा निर्माण एजेंसियां सड़कों का काम कर रही हैं। शहरों में तो सड़कों के स्वामित्व को लेकर भ्रम की स्थिति है। भोपाल शहर में ही कई ऐसी सड़कें हैं, जिनको लेकर लोक निर्माण विभाग, राजधानी परियोजना प्रशासन और नगर निगम के बीच मतभेद हैं।

इसको दूर करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने शहरी क्षेत्र की सभी सड़कें नगरीय निकायों को सौंपने का फैसला भी कर लिया है पर ये क्रियान्वित नहीं हो पा रहा है। बताया जा रहा है कि सड़कों के रखरखाव के लिए नगरीय विकास विभाग ने लोक निर्माण विभाग से राशि भी मांगी है, जिसके लिए वह तैयार नहीं है। यही वजह है कि शहरों की अंदरूनी सड़कों के रखरखाव को लेकर भी टकराव होता रहता है।