सपा-बसपा से तालमेल करना चाहती है राजभर की पार्टी, ये है असली मकसद

सपा-बसपा से तालमेल करना चाहती है राजभर की पार्टी, ये है असली मकसद

लखनऊ 
उत्तर प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सूबे में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में गठबंधन को लेकर सपा और बसपा से तालमेल की संभावनाएं तलाश रही है.

हाल ही में बलिया में हुई सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की प्रदेश स्तरीय मासिक बैठक के बाद दल के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने कहा, "सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी), सपा और बसपा के बड़े नेताओं के सम्पर्क में है. उम्मीद है कि सुभासपा गठबंधन करके ही उपचुनाव में मैदान में उतरेगी."

जबकि अरविंद राजभर ने विस्तृत जानकारी फिलहाल देने से इनकार करते हुए कहा कि सही समय पर इस बारे में जानकारी मिल जाएगी. हालांकि उन्‍होंने दोनों दलों के बड़े नेताओं से हो रही बातचीत को बेबाकी से स्‍वीकार की है.

महासचिव के मुताबिक, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की बैठक में विधानसभा उपचुनावों को लेकर दल की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया, क्‍योंकि पार्टी का अगला लक्ष्य राज्य में होने वाले उपचुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हैं.

आपको बता दें कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को 20 मई को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया. इसके साथ ही अब उनका बीजेपी से रास्ता भी अलग हो गया. हालांकि बर्खास्तगी के पहले से ही राजभर बीजेपी और योगी सरकार से नाराज चल रहे थे. उन्होंने अखिलेश यादव के साथ चुनावी सभा में मंच भी साझा किया था. साथ ही वे पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी पर तंज भी कस रहे थे. इसके बावजूद भी बीजेपी ने उन्हें सरकार से नहीं निकाला था. लेकिन चुनाव के बाद और एग्जिट पोल आते ही अगले दिन उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया.

दरअसल, राजभर पिछले तीन-चार महीने से बीजेपी के लिए सिरदर्द बने हुए थे. लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर सहमती न बनने के बाद 13 अप्रैल को इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी के खिलाफ 39 सीटों पर प्रत्याशी भी उतार दिए थे. इसके बाद लगातार कह रहे थे कि मुख्यमंत्री उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं कर रहे हैं. 19 मई को चुनाव खत्म होने के दूसरे दिन ही मुख्यमंत्री ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश कर दी. साथ ही सुभासपा के 6 सदस्यों को भी हटा दिया गया है, जिन्हें निगमों में नियुक्ति दी गई थी.