देना-विजया और बैंक ऑफ बड़ौदा मिलकर बनाएंगे देश का तीसरा बड़ा बैंक

देना-विजया और बैंक ऑफ बड़ौदा मिलकर बनाएंगे देश का तीसरा बड़ा बैंक

नई दिल्ली 
 अगर कहा जाए कि वर्ष 2018 मर्जर का साल रहा तो कुछ भी गलत नहीं होगा। मर्जर प्रक्रिया में सबसे अहम हिस्सा देश के बैंकिंग सेक्टर से जुड़ा है जो कि काफी समय से एनपीए और अन्य वित्तीय समस्याओं से जूझ रहा है। 2018 में एसबीआई में उसके सहयोगी बैंकों के विलय से बाद सबसे ज्यादा चर्चा बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के मर्जर की घोषणा ने बटोरी। कयास लगाए जा रहे हैं कि इन तीनों बैंकों के मर्जर प्रस्ताव को इसी महीने अंतिम रूप दिया जा सकता है।

इन तीनों बैंकों को मिलाकर जो बैंक बनेगा, उसका आकार 14.82 लाख करोड़ रुपये का होगा और वह एसबीआइ तथा पीएनबी के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। माना जा रहा है कि तमाम चिंताओं के बीच इस मर्जर से बैंकिंग ग्राहकों को फायदा होगा। हालांकि, कुछ दिनों उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। देश के आम आदमी को इस मर्जर से क्या मिलेगा यह एक बड़ा सवाल है।

ब्रांच और एटीएम की बढ़ेगी संख्या: बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि तीनों बैंकों के विलय से ग्राहकों को अब बैंक संबंधित कार्य या एटीएम से पैसे निकालने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। विलय के बाद बैंकों की नई शाखाओं का निर्माण किया जाएगा और बैकों की संख्या में वृद्धि होगी। इसी के साथ एटीएम की संख्या में वृद्धि होगी। आपको अपने बैंक के एटीएम से पैसे निकालने के लिए भी दूर नहीं जाना पड़ेगा।

हाइटेक होंगे बैंक
 तीनों बैंकों के विलय से बना बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होगा। इस मर्जर प्रक्रिया के बाद बैंकों में नई तकनीक का विकास होगा। तीनों बैंक नई तकनीक की तरफ अग्रसर होंगे, जिससे ग्राहकों का फायदा होगा। लंबी-लंबी लाइनों से छुटकारा मिलेगा।

एटीएम और चेकबुक पर बदल सकता है बैंक का नाम: तीनों बैंकों के विलय के बाद हो सकता है कि आने वाले दिनों में आपके एटीएम और चेकबुक पर उस बैंक का नाम ही बदल जाए, जहां आपका अकाउंट है। लिहाजा आपको कुछ दिन मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।