सरकारी सेटिंग: मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान हुआ प्‍यार, 12 आईएएस ऑफिसर ने इसी साल रचाई शादी


प्‍यार तो प्‍यार होता है बस एक सही नजर टकराने की जरुरत होती है ऊपर से अगर मौसम खूबसूरत हो और हसीं चेहरा सामने हो तो प्‍यार हो ही जाता है। प्‍यार कब किसे और कहां हो जाएं ये तो ऊपर वाले की रजां होती है। चाहे वो आम नागरिक हो या कोई ऑफिसर। ऐसा ही कुछ हो रहा है मसूरी के ट्रेनिंग सेंटर में जहां ट्रेनिंग के ल‍िए आए ऑफिसर्स को यहीं अपनी भावी संगिनी यानी लाइफ पार्टनर मिल जाती है।

हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक मसूरी की वादियों में ट्रेनिंग करने वाले ऑफिसर्स अपने ही साथी कैडेट के प्‍यार में गिरफ्तार होकर अपने रिश्‍तें को शादी तक ले जा रहे हैं।
   

बीते कुछ सालों में मसूरी की हसीन वादियों में ट्रेनिंग के दौरान ही प्‍यार और शादी करने वाले ऑफिसर्स की संख्‍या बढ़ती ही जा रही है।

इस साल 12 जोड़ो ने की शादी

एक रिपोर्ट के मुताबिक, मसूरी के आइएएस ट्रेनिंग सेंटर लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में 2016 बैच के 12 आईएएस जोड़े इस साल शादी के बंधन में बंध गए! बता दें कि इस साल शादी करने वाले 2016 बैच के अफसरों ने हाल ही में केंद्र सरकार के साथ तीन महीने की ट्रेनिंग पूरी की है। इसी बैच की एक जोड़ी टॉपर टीना डाबी और सेकेंड टॉपर अतहर आमिर अफसर ने इसी साल अप्रेल में शादी रचाई है। ट्रेनिंग के दौरान अपने बैच के साथ-साथ आईएएस कैडेट जूनियर और सीनियर के इश्क में भी पड़ रहे हैं।

2017 में 52 अफसरों ने की शादी

एक खबर के अनुसार , 2017 से लेकर अब तक कुल 52 आईएएस अफसरों ने साथी ऑफिसर्स के साथ सात फेरे लिए हैं। जिनमें 2015 बैच के 14 और 2017 बैच के 6 अफसरों ने भी साथी IAS ऑफिसर्स से शादी की है।

मसूरी की खूबसूरत वादियां

इस बारे में पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई ने एक इंटरव्‍यू में कहा था, मसूरी है ही इतनी खूबसूरत जगह है, जहां अफसर ट्रेनिंग के लिए जाते हैं तो प्यार हो जाता है। 1972 बैच के पिल्लई ने खुद अपनी बैचमेट सुधा पिल्लई से शादी की थी।

टीना डाबी और अतहर आमिर की शादी रही सुर्खियों में

जिनमें 2015 की टॉपर रहीं टीना डाबी ने सेकेंड टॉपर अतहर आमिर से शादी की जो काफी सुर्खियों में रही। टीना डाबी ने सेकेंड रैंक हासिल करने वाले कश्मीर के मुस्लिम युवक अतहर आमिर से शादी करने का फैसला किया, तो अलग धर्मों से होने की वजह से कुछ लोगों ने इसकी आलोचना भी की थी। सोशल मीडिया में तो लोगों ने इसे लव जिहाद से भी जोड़ दिया। खैर क्‍या फर्क पड़ता जोडि़या तो वैसे भी स्‍वर्ग से बनकर आती है। जहां कुछ लोगों के ल‍िए उनके परिवार वाले ही उनका जोड़ीदार ढूंढ लेते है तो कहीं मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान भी दिल मिल जाते है।