सावन में लगते हैं ये 5 प्रसिद्ध मेले, दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त

सावन में लगते हैं ये 5 प्रसिद्ध मेले, दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं भक्त

 
नई दिल्ली 

सावन के महीने में शिव भक्ति का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है. इस महीने हर कोई अपनी भक्ति से भोलेबाबा को प्रसन्न करने में लगा रहता है. खास बात यह है कि कई जगह सावन में मेले भी लगते हैं. ये मेले इतने प्रसिद्ध है कि इन्हें देखने भक्त दूर-दूर से आते हैं. आइए इस पावन महीने में जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध स्थलों के बारें में जहां सावन में मेले लगाए जाते हैं. जिनकी एक झलक देखने के लिेए लोग दूर-दूर से आते हैं.   

हरिद्वार में सावन मेला-

शिव भक्तों को सावन का सबसे बड़ा मेला हरिद्वार में देखने को मिलेगा. हरिद्वार को शिव का धाम भी कहा जाता हैं. इस दौरान हरिद्वार में काफी संख्या में पहुंचे कांवड़िए बम-बम भोले के जयकारों के साथ शिवालयों में महादेव की जल अर्पित करते हैं.

झारखंड के देवघर का सावन मेला-

झारखंड़ के वैद्यनाथ धाम में हर साल सावन मेले का आयोजन किया जाता है. देवघर के सावन मेले की गिनती भगवान शिव के सबसे बड़े मेलों में की जाती है. कावड़यात्रा में शामिल भक्त यहां हर साल भोलेबाबा का जलाभिषेक करने आते हैं.

काशी का सावन मेला-

काशी विश्वनाथ को भगवान शिव का दूसरा घर माना जाता हैं. यह प्रसिद्ध 12 ज्योर्तिलिंगों मे से एक है. यहां मंदिर में झूला श्रृंगार देखने के लिए हजारो श्रद्धालु हर साल पहुंचते हैं. काशी विश्वनाथ की खासियत यह है कि यहां भगवान विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए 7 मार्गों से कांवड़ियां पैदल आते हैं.

लखीमपुर मेला-

लखीमपुर को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है. सावन शुरु होते ही यहां मेला लग जाता है. जिसे देखने के लिए आए लाखों श्रद्धालु अवढरदानी का जलाभिषेक करने के लिए उमड़ पड़ते हैं.

सोमनाथ मंदिर, गुजरात-

उत्तर भारत की तुलना में गुजरात में सावन का महीना पहले ही शुरू हो जाता है. यहां प्राचीन सोमनाथ शिव मंदिर की बहुत मान्यता है. सावन के महीने में सोमनाथ का मंदिर सुबह 4 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुला रहता है. सावन में यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं.