स्कूलों में मराठी, मलायलम, पंजाबी और तमिल भी बोलेंगे विद्यार्थी

स्कूलों में मराठी, मलायलम, पंजाबी और तमिल भी बोलेंगे विद्यार्थी

इंदौर
 स्कूलों में अब छात्र हिंदी-अंग्रेजी के अलावा पंजाबी, उर्दू, मराठी और तमिल जैसी क्षेत्रीय भाषाओं में भी बात कर सकेंगे। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा यह कवायद सभी शैक्षणिक संस्थानों में क्षेत्रीय भाषाएं सिखाने के लिए की जा रही है। हाल ही में मंत्रालय ने सीबीएसई के माध्यम से सभी स्कूलों को यह निर्देश जारी किया है। इसके अंतर्गत सभी स्कूलों व शैक्षणिक संस्थानों में 'भाषा संगम' के तहत 20 नवंबर से 21 दिसंबर के बीच क्षेत्रीय भाषाओं के प्रमुख शब्द और वाक्य सिखाने के लिए आयोजन करवाए जाएंगे।

स्कूलों में छात्रों को रोजाना सुबह किसी भी एक क्षेत्रीय भाषा के पांच वाक्य या अभिवादन और बोलचाल वाले शब्द बताए जाएंगे। ज्यादा से ज्यादा छात्र शब्द सीख सकें, इसके लिए स्कूल परिसर में क्षेत्रीय भाषा के वाक्यों के पोस्टर बनाकर उनकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। छात्रों को प्रेरित किया जाएगा कि वे स्कूल में सीखे गए शब्द और वाक्य अपने परिवार के सदस्यों को बताएं ताकि उन्हें भी क्षेत्रीय भाषा की जानकारी हो।

अगले सप्ताह से शुरू होगी गतिविधि

अभी अधिकांश स्कूलों में परीक्षाएं चलने से वहां 'भाषा संगम' की गतिविधि शुरू नहीं हुई। वहां अगले सप्ताह से ही भाषा संगम से संबंधित गतिविधि होगी। कई स्कूलों ने अपने वार्षिकोत्सव समारोह में भी क्षेत्रीय भाषाओं में कार्यक्रम करवाने का निर्णय लिया है। सीबीएसई स्कूलों में 22 क्षेत्रीय भाषाओं में से नौ भाषाओं के बच्चे व शिक्षक हैं। इंदौर के स्कूलों में हिंदी के अलावा गुजराती, पंजाबी, सिंधी, उर्दू, मराठी, तेलुगू, तमिल, मलयालम, संस्कृत बोलने व जानने वाले छात्र व शिक्षक आसानी से मिल जाएंगे। इस कारण प्रारंभिक जानकारी सिखाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करना होगी।

स्कूलों को दिए जाएंगे पुरस्कार

क्षेत्रीय भाषाओं से जुड़ी गतिविधि के लिए स्कूलों को एक बुकलेट भी दी जाएगी जिसमें 22 भाषाओं से संबंधित आसान व बोलचाल में उपयोग करने वाले शब्द व वाक्य होंगे। ये छात्रों को सिखाए जाएंगे। स्कूलों में होने वाली इन गतिविधियों के फोटोग्राफ व वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी। इसके आधार पर स्कूल, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा।