हर घर को निःशुल्क पेयजल कनेक्शन देने में केन्द्र सरकार भी करे सहयोग : गुरू रूद्रकुमार

रायपुर
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की नई सरकार ने मिनिमाता अमृतधारा नल योजना के तहत राज्य के हर गरीबी रेखा के नीचे बसर करने वाले परिवारों को निःशुल्क पेयजल कनेक्शन देने का निर्णय लिया है और इस योजना पर तेजी से कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की भी ऐसी ही योजना है और अगर हमें केन्द्र सरकार से भी अपेक्षित सहयोग मिलेगा तो हम राज्य के सभी परिवारों को पेयजल कनेक्शन देने का लक्ष्य नियत समय में पूरा कर सकेंगे। उन्होंने छत्तीसगढ़ के कई ग्रामों में फलोराइड और लौह युक्त जल की शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा कि इस समस्या के निराकरण के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि प्रभावित ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके।
मंत्री गुरू रूद्र कुमार ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार पेयजल के क्षेत्र में बी.पी.एल हितग्राहियांे को लाभान्वित करने ’मिनीमाता अमृत धारा नल योजना’ आरंभ की गई है। इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित तीन हजार 460 नल-जल योजनाओं एवं नवीन स्वीकृत नल जल योजनाआंे के माध्यम से पांच लाख 30 हजार बी.पी.एल. परिवारों को मुफ्त में घरेलू नल कनेक्शन देने का निर्णय लिया गया है, इसके लिए वर्ष 2019-20 के बजट में ’मिनीमाता अमृत धारा नल योजना’ के तहत 35 करोड़ रूपये राशि का प्रावधान रखा गया है।
भारत सरकार में पहली बार पेयजल एवं जल संसाधन के पृथक विभागों को समाहित कर नया मंत्रालय जल शक्ति विभाग का गठन किया गया है। केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में आहुत इस बैठक में देश के विभिन्न राज्यों में जल संसाधन विकास एवं निर्धारित मापदण्ड के मान से शु़द्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु कारगार प्रयासों पर चर्चा एवं सुझाव लिये गए। प्राथमिक तौर पर भारत सरकार द्वारा 2024 तक सभी परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
इस बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे छत्तीसगढ़ शासन की ओर से प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए। बैठक में जल-जीवन के संबंध में विस्तृत रूप रेखा एवं विभिन्न सुझावों पर चर्चा की गई। नल से जल योजना के तहत प्रत्येक परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिया जाना लक्षित है, 40 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन जल प्रदाय के लक्ष्य को बढ़ाकर 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन किये जाने का भी विचार है।
जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि नदी जल विवादों के कारण अनेक राज्यों में कई सिंचाई परियोजनाएं लंबित पड़ी है और उपलब्ध जलसंपदा का उपयोग नहीं हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि ट्रिब्यूनल में मामला जाने पर उसके निपटारे में कई वर्षो का बहुमूल्य समय नष्ट हो जाता हैं। श्री चौबे की इस बात का बैठक में उपस्थित अन्य राज्यों के जलसंसाधन मंत्रियों ने भी समर्थन किया। श्री चौबे ने बैठक में छत्तीसगढ़ की बहुआयामी और महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य में नरवा विकास के माध्यम से छोटी-छोटी नदियों, नालों आदि के पानी को रोककर गांव के स्तर पर ही जलसंरक्षण की व्यवस्था की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अपने बजट से ही लगभग 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए योजनाएं बनाई हैं। उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र और राज्य परस्पर सहयोग से कार्य करेंगे तो जल संरक्षण की योजनाओं पर बेहतर ढंग से काम हो सकेगा तथा आमजनता को अच्छी सुविधा मिल सकेगी। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।