हरिद्वार महाकुंभ में नहीं हो रहा नियमो पालन, बिगड़ सकती है स्थिति, 102 लोग पाए गए संक्रमित

हरिद्वार
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में जारी कुंभ मेले में हर दिन हजारों श्रद्धालुओं हिस्सा ले रहे हैं। शाही स्नान वाले दिन ये संख्या और भी ज्यादा बढ़ रही है। हरिद्वार महाकुंभ में कोरोना नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिससे वहां कोरोना विस्फोट होने का खतरा है। हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान उत्तराखंड सरकार प्रभावी थर्मल स्क्रीनिंग और मास्क पहनने जैसे बुनियादी निवारक उपायों को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। सोमवार (12 अप्रैल) शाम तक, 28 लाख से अधिक भक्त गंगा में दूसरे शाही स्नान (शाही स्नान) के लिए आए थे। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के अनुसार 18,169 लोगों का कोरोना जांच किया गया था, जिसमें से 102 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। ये कोरोना जांच रविवार 11.30pm से सोमवार 5 pm तक किए गए थे। रिपोर्टर पिछले 48 घंटों में, हरिद्वार में रेलवे स्टेशन से लेकर हर की पौड़ी और अन्य घाटों तक 10 किमी के क्षेत्र से होकर गुजरी। लेकिन कहीं भी थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं दिखाई दी। लोगों पर नजर रखने के लिए नई एआई- सक्षम सीसीटीवी प्रणाली के बावजूद लोगों ने मास्क नहीं पहना था। लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी।
कुंभ मेला में आने के लिए हर किसी के पास कोविड-19 निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य मानदंड था। लेकिन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसकी भी अनदेखी हो रही है। 0 से अधिक श्रद्धालुओं को उनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्टों के बारे में जब पूछा गया तो उनमें से सिर्फ 15 लोगों के पास ही कोविड-19 निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट थी। एमपी के भिंड के एक सरकारी शिक्षक राज प्रताप सिंह, जो सोमवार सुबह कार से हरिद्वार पहुंचे थे। उन्होंने कहा, हमारी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश सीमा पर नारसन चेकपॉइंट पर चेक किया गया था। कुंभ मेला क्षेत्र में किसी ने इसके बारे में नहीं पूछा। ना ही इलाके में कोई थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की गई थी।
जम्मू के एक व्यवसायी प्रमोद शर्मा सोमवार सुबह अनिवार्य आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के बिना ही कुंभ मेले में पहुंचे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, हरिद्वार के यात्रियों को लगभग 3 किमी पहले ज्वालापुर रेलवे स्टेशन पर उतरने के लिए कहा गया था। लेकिन बहुत सारे यात्री थे, और किसी ने आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के बारे में नहीं पूछा। बाद में, हमने गऊ घाट पर गंगा में स्नान किया। कहीं भी थर्मल स्क्रीनिंग नहीं हुई। हरिद्वार महाकुंभ में इन हालातों को देखते हुए स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों ने इसके लिए चिंता जताई है। उनका कहना है कि मेले में अगर कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया तो आने वाले वक्त में हालात और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं। कुछ जानकारों का कहना है कि अगर वक्त रहते कड़े कदम नहीं उठाए गए तो हालात और बिगड़ सकते हैं।