हॉकी के लिये निराशाजनक रहा 2018

नयी दिल्ली
वर्ष 2018 में तीन बड़े टूर्नामेंट) राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और अपनी मेजबानी में विश्वकप) लेकिन भारतीय हॉकी टीम इस वर्ष को यादगार बनाने में नाकाम रही। भारत को नवंबर-दिसंबर में ओड़शिा के भुवनेश्वर में अपनी मेजबानी में हुये विश्वकप में 43 साल के लंबे अंतराल के बाद खिताब जीतने की उम्मीद थी लेकिन उसका सपना क्वार्टरफाइनल में हॉलैंड के हाथों हार के साथ टूट गया। भारतीय टीम ने क्वार्टरफाइनल में तमाम समर्थन के बावजूद उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया और उसे बाहर हो जाना पड़ा। विश्वकप की हार के बाद टीम के कोच हरेंद्र सिंह ने इसका ठीकरा अंपायरों के सिर मढ़ा। लेकिन अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने हरेंद्र के इस व्यवहार पर ही कड़ी आपत्ति जताते हुये उन्हें जैसे चेतावनी दे डाली। एफआईएच ने साफ कर दिया कि वह अंपायर के फैसलों की समीक्षा नहीं करेगा।