दावेदारों के शक्तिप्रदर्शन ने बढ़ाई मुश्किलें, असंतुष्टों को साधना बनी चुनौती

भोपाल
मध्य प्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने की तैयारी में जुटी भाजपा के लिए प्रत्याशी चयन चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है| तीन बार सत्ता में रहने के दौरान पार्टी ने उन जमीनी कार्यकर्ताओं से जमकर काम लिया है, जो आज टिकट की दावेदारी कर रहे हैं| हर चुनाव में उन नेताओं को आश्वासन मिला है, लेकिन इस बार ऐसे दावेदारों का असंतोष पार्टी के लिए ख़तरा बन गया है| अनुशासन की दुहाई देने वाली भाजपा में दावेदार अब खुलकर प्रदर्शन कर रहे है और पूरी ताकत के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचकर अपना दावा पेश कर रहे हैं|
पार्टी के भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में रोजाना टिकट पाने और कटवाने को लेकर नारेबाजी और शक्ति प्रदर्शन हो रहे हैं। पार्टी के ही नेता मान रहे हैं कि इससे आम सहमति बनाने में मुश्किल होगा। हालही में शुजालपुर विधानसभा से मौजूदा विधायक जसवंत सिंह हाड़ा का विरोध पार्टी मुख्यालय पर देखने को मिला, जहां से टिकिट की दावेदारी कर रहे राजेन्द्र राजपूत सन्तो के साथ बीजेपी मुख्यालय पहुंचे| वहीं बुधवार को कुरवाई से बीजेपी विधायक वीर सिंह पवार भी समर्थकों के साथ बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे और शक्ति प्रदर्शन किया| टिकट कटने की आशंका के बीच बीजेपी कार्यालय में वीर सिंह ने अपनी ताकत दिखाई| रोजाना दावेदारों के प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा कार्यालय की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है|
पार्टी के सर्वे, खुफिया रिपोर्ट और संघ के आकलन ने मौजूदा विधायकों की जो स्थिति बताई है, उसके मुताबिक पार्टी को 70-75 टिकट बदलना पड़ सकता है। वहीं एक दर्जन से अधिक मंत्रियों की हालत भी खस्ता बताई जा रही है। कुछ महीनों पहले नगरीय निकाय चुनाव में टिकट नहीं पाने वाले नेताओं ने जिस तरह बागी होकर चुनाव लड़ा और नुकसान पहुंचाया, यह पार्टी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है| पिछले दो चुनाव के बाद तीसरे बार के विधानसभा चुनाव में नेताओं का असंतोष का असर पड़ने लगा है| इसका नतीजा पार्टी लगातार उपचुनाव में शिकस्त खाती रही| इस परिस्थिति को देख पार्टी ऐसे बागी नेताओं को रोकने का फार्मूला तैयार कर रही है ताकि ऐन चुनाव के वक्त बागी बनकर ये नेता पार्टी के लिए मुसीबत न खड़ी करें।दावेदारों का खुलकर टिकट को लेकर दावा पेश करना बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है, टिकट नहीं मिलने पर दावेदारों के असंतोष को साधना चुनौतीपूर्ण होगा| पार्टी के ही नेता मान रहे हैं कि इससे आम सहमति बनाने में मुश्किल होगा।
सोमवार को जब पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल चुनाव प्रबंधन को लेकर दीनदयाल परिसर में दिग्गज नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे थे, तभी टिकट की दावेदारी और टिकट कटवाने के लिए बाहर नारेबाजी हो रही थी। वरिष्ठ नेता विजेंद्र सिंह सिसोदिया के बेटे ने हजारों समर्थकों के साथ भाजपा दफ्तर पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया। विधायक हेमंत खंडेलवाल और हजारीलाल दांगी का विरोध करने आए लोगों ने पार्टी कार्यालय में नारेबाजी और प्रदर्शन किया।
ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बिजेन्द्र सिंह सिसौदिया को पार्टी ने प्रदेश कार्यालय प्रभारी का दायित्व भी सौंप रखा है। वे इन दिनों दावेदारों से उनके आवेदन ले रहे हैं। इसी बीच उनके बेटे देवेन्द्र प्रताप सिंह भी अपने समर्थकों के साथ टिकट का आवेदन लेकर उनके पास पहुंच गए। सिसौदिया ने बेटे से आवेदन भी लिया। साथ ही वे बेटो साथ लेेकर संगठन महामंत्री सुहास भगत के पास पहुंच गए।