सिग्नेचर ब्रिज हादसाः न्यूज देखा तो पता नहीं था बेटे की हुई है मौत
नई दिल्ली
सेल्फी के लिए क्रेजी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन चुके सिग्नेचर ब्रिज पर उद्घाटन के 20वें दिन दर्दनाक हादसा हुआ। शुक्रवार सुबह रेसर बाइक पर सवार 2 मेडिकल स्टूडेंट डिवाइडर से टकराते हुए ब्रिज से 30 फुट नीचे जा गिरे। हादसे में 25 वर्षीय डॉक्टर सत्यविजय शंकरन और 23 साल के चंद्रशेखर की मौत हो गई। इस हादसे के बाद दोनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
एक्सिडेंट की खबर देखी, पता नहीं था बेटा है
चंद्रशेखर के पैरंट्स ने बताया कि सुबह जब टीवी पर सिग्नेचर ब्रिज पर एक्सिडेंट की खबर देखी, तब उन्हें नहीं पता था कि उनके ही बच्चे का एक्सिडेंट हुआ है। सुबह 11 बजे पुलिस की कॉल आई। 12 बजे वह सुश्रत ट्रॉमा सेंटर पहुंच गए थे। मूलरूप से बिहार के मधुबनी के रहने वाले चंद्रशेखर के पिता शिव नारायण शर्मा हैं। वह पुष्प विहार एरिया में एमसीडी स्कूल में टीचर हैं। परिवार में मां, दो बड़े भाई और छोटी बहन हैं। हिंदू राव कॉलेज में मेडिकल के दूसरे वर्ष के छात्र शेखर को उनके परिवार ने बाइक देने से मना कर दिया था। वे दुर्घटना के डर से बेटे को बाइक नहीं देना चाहते थे।
घर की परंपरा बढ़ाने से खुश था शंकरन का परिवार
शंकरन के पिता बिहार के गोपालगंज स्थित सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं जबकि मां और भाई भी प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रैक्टिस कर रहे हैं। शंकरन के चाचा अवनीश सिंह ने कहा कि उनका परिवार खुश था कि वह डॉक्टर बनकर परिवार की विरासत को आगे ले जा रहा है। शंकरन ने रांची के डीएवी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की थी और फिर दिल्ली के हिंदू राव मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था।
'लौटकर योग सिखाऊंगा'
'वे सुबह 8 बजे हॉस्टल से निकले थे। चंद्रशेखर ने कहा- थोड़ी देर में लौटकर योग सिखाऊंगा। लेकिन वह नहीं आया। 9:30 बजे किसी ने खबर दी कि एक्सिडेंट में दोनों की मौत हो गई है।' यह बताते हुए हॉस्टल के केयर टेकर समीर का चेहरा सन्न था। हिंदूराव अस्पताल के मेडिकल स्टूडेंट्स की मौत से हॉस्टल में हर कोई दुखी है। चंद्रशेखर और सत्यविजय को जाननेवाले और उसके दोस्तों ने जब दोनों के साथ बिताए वक्त को शेयर किया तो कई रो पड़े।
कैसे हुए हादसा
शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों ने हेलमेट नहीं पहना था। हादसे की वजह हाई स्पीड बताई जा रही है। हालांकि सभी एंगल पर पुलिस जांच शुरू हो चुकी है। पुलिस के मुताबिक, डॉक्टर सत्यविजय शंकरन मूलरूप से बिहार के गोपालगंज के रहने वाले थे। चंद्रशेखर का परिवार देवली खानपुर में रहता है। दोनों गुरुपर्व की छुट्टी होने पर सुबह ही रेसर बाइक से सिग्नेचर ब्रिज पर घूमने आए थे। बाइक सत्यविजय की है। खजूरी खास से यूटर्न लेकर रिंगरोड आईएसबीटी की ओर वे रफ्तार में थे। सिग्नेचर ब्रिज के घुमावदार ढलान पर अचानक बाइक का संतुलन बिगड़ा और साइड रेलिंग से रगड़ते हुए दोनों नीचे जा गिरे। बाइक काफी दूर तक घिसटती हुई चली गई। दोनों के सिर और बाकी जगहों पर गंभीर चोटें आईं।
बाइक की स्पीड देखने गए थे
हाई स्पीड बाइक केटीएम-200 की रफ्तार परखने के लिए क्या दोनों युवक सिग्नेचर ब्रिज पर गए थे। ऐसी आशंका पुलिस जांच में सामने आ रही हैं। एमबीबीएस कर चुके सत्य विजय शंकरण को उनके बर्थडे पर फैमिली ने उनकी पसंदीदा महंगी बाइक केटीएम-200 गिफ्ट की थी। विजय के भाई गोविंदा ने बताया कि चंद्रशेखर ने एक महीने पहले उससे मोबाइल फोन मांगा था। उसे दिसंबर महीने में मोबाइल दिलाने का वादा किया था।