12 वर्षों पश्चात हुआ गुरु शिष्य का महामिलाप

12 वर्षों पश्चात हुआ गुरु शिष्य का महामिलाप

इंदौर

ऋषि तीर्थ लसुडिया परमार, ए.बी. रोड, इंदौर में गुरु शिष्य वात्सल्य मिलन का आयोजन किया गया। 12 वर्षों पश्चात हो रहे इस महमिलाप में दिव्य महर्षि महामना आचार्य श्री कुशाग्र नंदी जी महाराज का उनके शिष्यों द्वारा 1008 थालियों में पाद प्रक्षालन के साथ भिक्षिका, कमंडल तथा धर्मग्रंथ देकर सम्मान व स्वागत किया गया।
इसके पश्चात आचार्य भगवान ने अपने उपदेश में सभी संतों को मिलनसार रहने का संदेश दिया और कहा कि यदि संत समाज आपस में ऐसे ही मिलते रहेंगे तो समाज में एकता की भावना जाएगी एवम् एकता ही वह बीज है जिसके प्रत्यारोपण से एक नए भारत का निर्माण किया जा सकता है। इस दौरान महामना आचार्य के आदम्य शिष्य ऊर्जा गुरु श्री अरिहंत ऋषि जी महाराज ने उज्जैन को आदर्श पवित्र नगरी घोषित किए जाने की मांग को एक आंदोलन का रूप देने की बात कही। उन्होंने प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ को चेतावनी देते हुए इस बात के संकेत भी दिए कि यदि प्रदेश सरकार इस दिशा में जल्द से जल्द कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती है तो संत साधू समाज देशव्यापी रूप से इस आंदोलन को दिशा दिखाएगा एवम् आंदोलन की विभिन्न क्रियाओं का इस्तेमाल करेगा।  

कुशाग्रनंदी जी महाराज ने कहा कि आज समाज में जहां कहीं भी जो विद्रोह देखने को मिलता है उसके पीछे बहुत हद तक हमारा एक दूसरे के प्रति मिलनसार भाव का कम होना ही है। हमें अपने धर्म और राष्ट्र को इस विद्रोही भावना से बचाने के लिए कहीं न कहीं इन कमजोर कड़ियों को जोड़ते हुए सभी संन्यासियों, महात्माओं, साधुओं को एक साथ एक मंच पर आकर मिलनसार भावना को जाग्रत करने की जरूरत है और समाज को एकता का संदेश देते हुए आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करना है ताकि हम अपने समाज को एक बेहतर समाज में तब्दील कर सकें।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार हम विश्व शांति की दिशा में आगे बढ़ते हुए भगवान महावीर के संदेशों को सार्थक कर सकते हैं। कार्यक्रम में उपस्थित रहे ऊर्जा गुरु अरिहंत ऋषि जी महाराज एवं आचार्य प्रसन्न ऋषि जी महाराज का जिक्र करते हुए कहा कि ‘मेरे शिष्य आचार्य प्रसन्न ऋषि जी महाराज जिन्होंने मुझसे शिक्षा और दीक्षा लेकर के धर्म की प्रभावना करते हुए अपना स्थान निर्मित किया है उनको मैं आनंद मंगलमय आशीर्वाद देना चाहता हूं। और उज्जैन शहर को पवित्र नगरी घोषित किए जाने की मांग को लेकर ऊर्जा गुरु श्री अरिहंत ऋषि जी महाराज को आदेश आज्ञा एवम् आशीर्वाद देते हुए इस मुहीम को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। मेरा मार्गदर्शन सदैव ऊर्जा गुरु के साथ है और निश्चित ही हम सब मिलकर एक दिन उज्जैन को पवित्र नगरी बनाने में सफल होंगे।