16 साल पहले रिटायर हुए फिर भी रोज जाते हैं स्कूल
श्योपुर
शिक्षा एवं शिक्षक जैसे देवतुल्य शब्द का सम्मान बचाए रखने वालों में एक हैं के.प्रसाद शर्मा। 78 साल के हो चुके शर्मा शिक्षा विभाग से 16 साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन उनकी आत्मा में बैठे 'गुरुजी' ने आज तक अपना धर्म नहीं छोड़ा।
आज भी वे रोज 10 किमी साइकिल चलाकर एक स्कूल में निशुल्क पढ़ाने जाते हैं। हिंदी और संस्कृत में महारथ रखने वाले शर्मा के घर कोई भी छात्र ट्यूशन भी पढ़ने आ सकता है। शिक्षा के प्रति उनके आदर को उनके ही शब्दों से समझिए, वे कहते हैं कि एक ही इच्छा है-मैं अंतिम सांस तक पढ़ाता रहूं और ईश्वर अगले जन्म में भी शिक्षक बनाए...।
श्योपुर के वार्ड 11 में जाट छात्रावास के सामने रहने वाले शर्मा ने 41 साल तक शहर के बालक हायर सेकंडरी स्कूल में बच्चों को पढ़ाया। उनके पढ़ाए कई छात्र आज डॉक्टर और इंजीनियर हैं। रिटायरमेंट के अगले दिन से ही बगवाज गांव में बने महारानी लक्ष्मीबाई मैमोरियल स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया।
16 साल से इस स्कूल में बिना वेतन लिए पढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं रिटायरमेंट के बाद से ही उन्होंने स्काउट ज्वाइन किया और बच्चों को ट्रेनिंग देना शुरू किया। शर्मा स्काउट के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग कमिश्नर भी हैं। 72 की उम्र में पूरी तरह फिट शर्मा स्काउट ट्रेनिंग में बच्चों को आत्मरक्षा, विपरीत हालातों के फंसे लोगों को बचाने व स्वस्थ रहने के फंडे भी सिखा रहे हैं।