2019 चुनाव से पहले देश में खुलेंगे 65,000 जगहों पर पेट्रोल पंप
नई दिल्ली
सरकारी तेल कंपनियां पिछले 4 सालों में पहली बार अपने रीटेल नेटवर्क का विस्तार करने जा रही हैं। तेल कंपनियों ने रविवार को देशभर में 65,000 जगहों पर पेट्रोल पंप डीलरशीप के लिए आवेदन मंगाने का ऐलान किया। जिन इलाकों में डीलरों ने डीलरशिप के लिए आवेदन किया है, वो उन इलाकों के 75-80 प्रतिशत हिस्से को कवर कर लेगी, जहां ऑयल कंपनियां पेट्रोल पंप खोलने की सोच रही हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए नए पंप खोलने की तैयारी कर चुका है। हालांकि इन पंपों के खुलने में 3 साल लग जाएंगे। एक साथ इतने सारे पंप खोलने की योजना के बीच पंप की क्वालिटी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इस पर सरकारी और कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि पेट्रोल पंप खोलने को लेकर जितने भी आवेदन आते हैं, वो सभी बनकर तैयार नहीं हो जाते। डीलरशिप को लेकर कई दिक्कतें आती हैं। कभी जमीन, तो कभी कुछ और कारणों से पंप की डीलरशिप किसे देनी है, यह निर्णय लेने में समय लगता है। ऐसे में यह मानकर चलना चाहिए कि विज्ञापित 65,000 पंपों में से 15,000-20,000 पंप ही बनकर तैयार होंगे।
एक खबर के अनुसार माना जा रहा है कि पेट्रोल पंप के विस्तार से देश में हजारों करोड़ के निवेश और 10 हजार से भी अधिक नौकरियां आएंगी। वहीं नए पंप उपकरण सप्लायर, ट्रांसपोर्टर और टैंकर निर्माताओं के लिए भी व्यवसाय का नया रास्ता खुलेगा, लेकिन मौजूदा डीलर पंप के विस्तार के खिलाफ हैं। उनके अनुसार इसके अधिक आर्थिक फायदे नहीं हैं। इनके अनुसार पेट्रोल पंप खोलने का क्या फायदा है जब सरकार दूसरे ईंधनों को बढ़ावा देने का सोच रही है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में फिलहाल 62,585 पेट्रोल पंप हैं। इनमें से सिर्फ 6,000 को प्राइवेट कंपनियां चलाती हैं। दूसरी तरफ, देश में ईंधन की मांग 2017-18 में 5 प्रतिशत बढ़कर 20.5 करोड़ टन हो गई।
मौजूदा डीलर इतने बड़े पैमाने पर विस्तार का विरोध कर रहे हैं। ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट अजय बंसल ने कहा, 'मौजूदा आउटलेट्स की औसत बिक्री 170 किलोलीटर से घटकर 140 किलोलीटर हो चुकी हैं। एक तरफ जहां लागत बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ मार्जिन सिकुड़ रहा है। ऐसे में जब सरकार वैकल्पिक ईंधन की बात कर रही है तो नए पेट्रोल पंपों को खोलने का क्या तुक है।'
नई गाइडलाइंस में डीलरशीप की शर्तों में कुछ नरमी बरती गई है। नई गाइडलाइन में आवेदकों के पास एक निश्चित फंड होने के नियम को खत्म कर दिया है। इसके अलावा, जमीन संबंधी नियमों में भी ढील दी गई है। नए नियमों के मुताबिक, वे लोग भी पेट्रोल पंप के लिए आवेदन दे सकते हैं जिनके पास जमीन नहीं है या वैसी फर्म जो जमीन के मालिक के साथ टाइअप की हो। इससे पहले, पेट्रोल पंप के लिए आवेदन देने के लिए बैंक में 25 लाख रुपए होने या दूसरी वित्तीय संपत्ति जरूरी थी। ग्रामीण क्षेत्रों में रेग्युलर आउटलेट के लिए 12 लाख रुपए जरूरी थे। इसके साथ ही तेल कंपनियों ने इन सारे प्रोसेस को ऑनलाइन कर दिया है। कंपनियां आवेदन के ड्रॉ का आयोजन भी ऑनलाइन करने लगी हैं। ऐसे में ड्रॉ में चुने गए सफल आवेदक को सिक्योरिटी डिपोजिट का 10% जमा करना होगा।