31 कांग्रेसियों की मौतों की जांच करेगी SIT, बस्तर IG विवेकानंद ने कहा- तह तक जाकर की जाएगी जांच
रायपुर
बस्तर के झीरमघाटी में हुए अबतक के सबसे बड़े माओवादी हमले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन कर दिया गया है। बस्तर आइजी विवेकानंद सिन्हा के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम पूरे मामले की नए सिरे से जांच करेगी। जांच टीम ने तीन सेवानिवृत्त अफसरों को भी शामिल किया गया है। डीजीपी डी.एम. अवस्थी ने बुधवार को टीम के सदस्यों की सूची जारी कर दी। बता दें कि माओवादियों ने 25 मई 2013 को झीरमघाटी में कांग्रेस नेताओं पर हमला किया था। माओवादियों ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल, महेन्द्र कर्मा, नंदकुमार पटेल, उदय मुदलियार सहित 31 प्रमुख कांग्रेसी नेताओं की हत्या कर दी थी। इसके बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंपी थी। लेकिन, चार साल तक जांच करने के बाद भी वह किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी थी।
ये हैं एसआइटी सदस्य
एसआइटी टीम में डीआइजी (नक्सल ऑपरेशन) पी. सुंदरराज, सुरक्षा वाहिनी रायपुर के सेनानी एम.एल. कोटवानी, उपसेनानी तीसरी वाहिनी अमलेश्वर के उपसेनानी गायत्री सिंह, सरायपाली के उप पुलिस अधीक्षक राजीव शर्मा, रायपुर निरीक्षक आशीष शुक्ला, पुलिस मुख्यालय में निरीक्षक प्रेमलाल साहू , बिलासपुर के सेवानिवृत उपपुलिस अधीक्षक नरेंद्र शर्मा, विधि विशेषज्ञ सेवानिवृत्त उपसंचालक अभियोजन एन.एन. चतुर्वेदी और मप्र के सागर के सेवानिवृत्त संचालक विधि विज्ञान विशेषज्ञ एम.के. वर्मा को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
मामला वापस होगा
बस्तर की दरभाघाटी थानान्तगर्त झीरमघाटी में हुए हमले की जांच कर रही एनआइए से पूरा मामला हस्तांतरित होगा। प्रकरण की वापसी के बाद एसआइटी की स्पेशल टीम नए सिरे से मामले की जांच करेगी। बताया जाता है कि एसआइटी की टीम घटनास्थल का दौरान कर प्रकरण से जुड़े सभी लोगों को पूछताछ कर सकती है। साथ ही मिले तथ्यों के आधार पर संदेह के दायरे में आने वाले लोगों के साथ पूछताछ की जा सकती है।
बड़ी जिम्मेदारी मिली
राज्य सरकार ने झीरमघाटी में हुए माओवादी हमले की जांच करने का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया है। मामले की तह तक जाकर इसकी जांच की जाएगी। पूरे मामले की फाइल देखने के बाद ही वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलेगी।
विवेकानंद सिन्हा, एसआइटी प्रभारी, झीरमघाटी कांड