4 शुभ मुहूर्त नवरात्रि घट स्थापना के
इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत रविवार 29 सितंबर से हो जाएगी। नवरात्र के ये नौ दिन मां दुर्गा को समर्पित माने जाते हैं। इस दौरान उनके अलग अलग नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। इस बार शारदीय नवरात्रि में किसी भी तिथि का क्षय नहीं है और दसवें दिन ही विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना अथवा घट स्थापना के साथ होती है। जानते हैं इस वर्ष घट स्थापना का शुभ, सही तरीका और इससे जुड़े नियमों के बारे में।
शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना मुहूर्त
सुबह 07 बजकर 42 मिनट से 09 बजकर 11 मिनट तक
सुबह 09 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 40 मिनट तक
सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 10 मिनट तक
इसी अवधि के मध्य 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक के मध्य चक्र सुदर्शन मुहूर्त (अभिजित) पड़ेगा जो सर्वकल्याणकारी और सर्व दुःखहारी है। ये बेहद शुभ मुहूर्त हैं और इस दौरान कलश स्थापना पूजन, गृह प्रवेश, किसी अनुबंध आदि पर हस्ताक्षर आदि करने से बड़ा लाभ मिल सकता है।
कलश स्थापना का तरीका
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने के लिए नदी की रेत प्रयोग में लानी चाहिए। इस रेत में जौ डालने के पश्चात कलश में गंगाजल, लौंग, पान, इलायची, सुपारी, कलावा, रोली, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्पादि डालें। फिर इसके बाद 'ॐ भूम्यै नमः' मंत्र जपते हुए कलश को 7 अनाज के साथ रेत के ऊपर स्थापित कर दें। आप पूरे नौ दिनों तक कलश की जगह अखंड दीप जलाकर रखें।
कलश स्थापना से जुड़े नियम
हमेशा शुभ मुहूर्त में ही कलश की स्थापना करें।
ध्यान रखें कि कलश का मुंह कभी खुला ना रखें। आप उसके ढक्कन पर चावल रख दें और उसके बीच में एक नारियल भी रख दें।
दोनों समय पूजा करें और उसके बाद उन्हें लौंग तथा बताशे का भोग लगाएं।
मां की पूजा में आक, मदार, दूब और तुलसी शामिल ना करें।