87 में से 63 कॉलोनियां होंगी वैध, नालियों का निर्माण शेष

ग्वालियर,  शहरी सीमा में करीब 87 कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया प्रथम चरण में शुरू हुई, जिसमें करीब ६३ कॉलोनियां ही वैधता के दायरे में पात्र मानी गईं, जिनके विकास कार्यों पर केवल 6.72 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उक्त कॉलोनियों में विकास के नाम पर केवल और केवल नालियों का निर्माण किया जाएगा, जबकि शेष निर्माण कार्य निगम पहले ही करा चुका है। निगम अगर उसी दौर में नालियों का काम भी हो जाता तो आज 6.72 करोड़ रुपए खर्च करने की नौबत नहीं आती और पानी जमीन में समाता तो जल संकट के हालात भी नहीं बनते। लश्कर दक्षिण विधान सभा- 23 कुल अवैध कॉलाोनियां होंगी वैध विकास कार्य शेष- नाली निर्माण कुल राशि-1.74 करोड़ रुपए नयापुरा के पास जाग्रतिनगर, न्यू जाग्रति नगर, नारायण कॉलोनी, गोल पहाडि़या अयोध्या नगरी, लाल कुआं का पुरा, गिर्राज कॉलोनी, मानव विहार, साईं विहार, समाधिया कॉलोनी, डी ब्लॉक केशव विहार, झूलेलाल कॉलोनी, बीजेएस कॉलोनी, सूर्य विहार, राधिका विहार, बालाजी विहार, पूजा विहार, न्यू शिवाजी नगर, प्रीतमपुर कॉलोनी, शिव कॉलोनी, साईं कॉलोनी। लश्कर पूर्व विधान सभा- 17 कुल अवैध कॉलाोनियां होंगी वैध विकास कार्य शेष- नाली निर्माण कुल राशि-1.17 करोड़ रुपए राघव पुरम, प्रीतम कौर एन्क्लेब, केडी एन्क्लेब, न्यू शंकरपुरी, महावीर कॉलोनी, रणधीर कॉलोनी, पंडित विहार कॉलोनी, सीताराम कॉलोनी नली नंबर एक और दो, सिद्धेश्वर नगर, जगजीवन नगर, देवाशीष एन्क्लेब, अर्जुन नगर सिटी सेंटर, थाटीपुर जगजीवन नगर, सरस्वती नगर, नवाब कॉलोनी हरिशंकरपुरम, शांति नगर मेहरा। उपनगर ग्वालियर विधान सभा- 20 कुल अवैध कॉलाोनियां होंगी वैध विकास कार्य शेष- नाली निर्माण कुल राशि-3.17 करोड़ रुपए दामोदर बाग, न्यू नरसिंह नगर कॉलोनी, मां शारदा विहार कॉलोनी न्यू रानीपुरा, पटेल नगर द्वारिकापुरी, कांटे साहब का बाग, भीकम नगर, न्यू तुलसी विहार, बद्रीप्रसाद कॉलोनी, लवकुश विहार, मां विहार, न्यू गायत्री नगर, न्यू कुशल नगर, न्यू चंद्र नगर, न्यू साकेत नगर, रामपुरी दुर्गा विहार। यह निर्णय केवल राजनीतिक है, चुनाव के दौरान अवैध से वैध करने का भ्रम फैलाया जा रहा है, चुनावी वोट के लिए सरकार बड़े घोटाले को अंजाम देने में लगी है। भू माफियाओं को लाभ देने की इस योजना से आम आदमी को कोई लाभ नहीं होने वाला। कृष्णराव दीक्षित, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम जनहित की योजना: यह योजना जनहित को ध्यान में रखकर बनाई गई है ताकि हजारों परिवारों के आशियानों को वैध कर उन्हें तुड़ाई के डर से मुक्ति प्रदान की जा सके। धर्मेंद्र राणा, एमआईसी सदस्य नगर निगम