ट्रेनों में एसी कोच बढ़े पर बेडरोल नहीं, प्रतिदिन लग रही शिकायतों के अंबार
केंद्रीय मंत्री की शिकायत के बाद हुआ मंथन, जबलपुर मंडल की ट्रेनों में चाहिए एक लाख 10 हजार बेडरोल
भोपाल। ट्रेन में स्लीपर से ज्यादा एसी कोच में लंबी वेटिंग लग रही है। इसका समाधान करने पश्चिम मध्य रेलवे ने ट्रेनों में एसी कोच की संख्या बढ़ाई।ट्रेन में कोच बढ़े तो यात्री भी बढ़ गए, लेकिन इनकी तादात के मुताबिक इन्हें दिए जाने वाले बेडरोल नहीं बढ़े। इसका असर यह हुआ कि बेडरोल को लेकर शिकायतें बढऩे लगी। अब इन शिकायतों को समाधान करने और यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण बेडरोल देने पमरे को लगभग एक लाख 70 हजार बेडरोल की जरूरत है। इसकी पूर्ति करने के लिए पमरे ने अभी तक एक लाख 20 हजार बेडरोल खरीदे। अभी भी 50 हजार से ज्यादा बेडरोल की कमी बनी है। जबलपुर, भोपाल और कोटा, तीनों मंडल में सबसे ज्यादा बेडरोल की कमी जबलपुर मंडल है। यहां से रवाना होने वाली लगभग 35 से ज्यादा ट्रेनों के एसी कोच के यात्रियों को लगभग एक लाख 10 हजार नए बेडरोल की जरूरत है।
तीनों मंडल में दो गुने हो गए एसी कोच, बेडरोल नहीं
जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडल में लगभग 150 से ज्यादा यात्री ट्रेनें हैं। इनमें वर्तमान में लगभग एसी कोच की संख्या एक हजार से ज्यादा हो गई है। जबकि कोरोना काल के पहले इनकी संख्या लगभग 500 थी। इसके मुताबिक तीनों मंडल में बेडरोल नहीं है। वहीं जो बेडरोल थे, वह गुणवत्ता हीन हो चुके हैं। कई बेडरोल का कपड़ा ही खराब हो गया है तो कई में दाग लगे हैं। इस वजह से इन बेडरोल को देखने के बाद यात्री शिकायत करते हैं। लगातार बढ़ रही बेडरोल की शिकायत से परेशान रेलवे ने इसका समाधान नए बेडरोल मांगवाकर निकालने का प्रयास किया है। यात्रियों की शिकायत दूर करने के लिए जबलपुर को एक लाख 10 हजार बेडरोल के अलावा भोपाल को 30 हजार और कोटा को 20 हजार बेडरोल की जरूरत है।
अधिकारियों की जमकर क्लास ली
हाल ही में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने निजामुद्दीन से जबलपुर आ रही संपर्कक्रांति के प्रथम श्रेणी एसी कोच में दिए गए बेडरोल की गुणवत्ता पर अपत्ति की थी। उन्होंने इसकी शिकायत न सिर्फ रेलवे के अधिकारियों से की बल्कि रेलवे हेल्पलाइन नंबर पर भी की। इसके बाद जबलपुर समेत तीनों मंडल के मैकेनिकल विभाग ने ट्रेन के एसी कोच में यात्रियों को दिए जा रहे बेडरोल की गुणवत्ता, संख्या और उनकी सफाई का आडिट किया। इधर मैकेनिकल विभाग से जुड़ी अधिकारियों की जमकर क्लास ली गई। इतना ही नहीं बेडरोल की सफाई से लेकर ट्रेन में बेडरोल पहुंचाने की व्यवस्था की निगरानी भी बढ़ाई गई।
स्लीपर कोच कम कर, थर्ड एसी के कोच
पश्चिम मध्य रेलवे लगातार ट्रेनों की वेटिंग पर अध्ययन कर रहा है। अभी तक किए गए अध्ययन में सामने आया है कि स्लीपर से ज्यादा थर्ड एसी कोच में टिकट की वेटिंग लगी है। इसे कम करने के लिए ट्रेन में स्लीपर कोच कम कर, थर्ड एसी के कोच बढ़ाने होंगे। इसमें पमरे ने तीनों मंडल की 155 ट्रेनों के हर रैक में तीन से चार एसी कोच बढ़ा दिए गए हैं। वहीं गर्मी को देखते हुए अभी लगभग 70 से 80 एसी कोच की संख्या और बढ़ाई जानी है।