टूटी हडिडयों को जोड़ने के साथ कई बीमारियों में फायदेमंद है हड़जोड़, जानिए कैसे करें प्रयोग 

टूटी हडिडयों को जोड़ने के साथ कई बीमारियों में फायदेमंद है हड़जोड़, जानिए कैसे करें प्रयोग 

भोपाल, हड़जोड़ को अस्थिसंहार के नाम से भी जाना जाता है। अस्थिसंहार को हिन्दी में हड्डीजोड़ कहते हैं। अस्थिसंहार को आयुर्वेद में औषधि के रुप में सबसे ज्यादा प्रयोग हड्डियों को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा भी अस्थिसंहार पेट संबंधी समस्या, पाइल्स, ल्यूकोरिया, मोच, अल्सर आदि रोगों के उपचार में भी काम आता है। 

सभी भाग दवा की तरह से इस्तेमाल किये जाते हैं

हड़जोड़ को आयुर्वेद समेत दुनिया के कई पारम्परिक चिकित्सा में इस्तेमाल किया जाता है। इसे थाईलैंड और अफ़ीका में भी इस्तेमाल करते हैं। पौधे के सभी भाग दवा की तरह से इस्तेमाल किये जाते हैं।

सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम कार्बोनेट का स्रोत 
हड़जोड़ में सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम कार्बोनेट पाया जाता है और इसे टूटी हड्डी जोड़ने में में बहुत लाभप्रद पाया गया है। हड्डी जोड़ने में इसका आंतरिक और बाह्य दोनों तरह से इस्तेमाल होता है। आंतरिक रूप से इसके तने का जूस 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में लिया जाता है। फ्रैक्चर में प्रयोग किये जाने पर यह हड्डी के बनने की दर को बढ़ाता है और हड्डी में रक्त परिसंचरण और पोषक आपूर्ति में सुधार करता है।

कई बायोएक्टिव घटक होते हैं
हड़जोड़ के पत्तों और तने में कई बायोएक्टिव घटक होते हैं। इसमें सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम कार्बोनेट, विटामिन सी, विटामिन ई, एसिटिलेटेड ग्लाइकोसाइड्स, रेल्वरेट्रोल ग्लाइकोसाइड्स, रेसवर्टरोल, पाइसैटैनोल, पैलिडोल, पार्टनोकिसिन ए, जेनिस्टीन, क्वाड्रैंगुलरिन एसी और डेडेज़िन समेत स्टिलबेन यौगिक आदि मौजूद होते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल 
हडजोड़ पौधे की पत्तियों को सूखाकर पाउडर बना लें और फिर बराबर मात्रा में उड़द की दाल मिला कर गीला पेस्ट तैयार कर लें। फ्रैक्चर हुई हड्डी को जोड़ने के लिए बांस की लकड़ी की मदद से हड्‌डी को सीधी करें। अब पेस्ट को कॉटन के कपड़े पर लगाकर इसे चोट पर बांध दें और ऊपर से बांस की लकड़ी को कुशा यानि देसी घास से बांधे। हर तीसरे दिन इस लेप को बदलें।

- फ्रैक्चर बांधने के अलावा साथ में हडजोड़ की पत्तियां, गेहूं का भुना हुआ आटा, अर्जुन की छाल आदि बराबर मात्रा में लेकर पीस कर पाउडर तैयार कर लें। अगर आपका वजन 60 किलो है तो 6 ग्राम चूर्ण को घी के साथ मिक्स करके खाएं और इसे खाने के बाद हल्दी वाला दूध में शक्कर या शहद डाल कर पीएं।

- अगर आपको ऊपर वाली चीजें न मिलें तो हडजोड़ की पत्तियां का रस 2 टीस्पून लेकर उसमें 1 चम्मच घी मिक्स करके खाएं। इसे खाने के बाद 250 मि.ली. दूध पीएं। इन चीजों का 4 सप्ताह तक सेवन करें।

- हड़जोड़ के तने का जूस, दिन में दो बार 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में फ्रैक्चर उपचार, कम अस्थि खनिज घनत्व और हड्डियों की कमजोरी सहित हड्डियों के कई रोगों में लिया जाता है।

हड़जोड़ टूटी हडिडयों को जोड़ने के साथ कई अन्य बीमारियों में भी काफी लाभकारी है जैसे....

1. पेट के विकारों को करे दूर
हड़जोड़ के इस्तेमाल से पेट से जुड़े विकारों को दूर किया जाता है। अक्सर हम में से कई लोगों को मसालेदार खाना खाने या असमय खाना खाने से पेट में गैस, कुपच जैसी समस्या होने लगती है। इन समस्याओं को ठीक करने के लिए आप हड़जोड़ की मदद से घरेलू उपचार कर सकते हैं। इसके लिए हड़जोड़ के पत्तों से करीब 5 से 10 मिली रस निकाल लीजिए। अब इस रस में थोड़ा सा शहद मिक्स करके पी जाएं। इससे पाचन क्रिया ठीक होगी। साथ ही पेट से जुड़ी अन्य परेशानियों को आराम मिलेगा।

2. घाव में है असरदार
हड़जोड़ घाव को सूखाने में असरदार हो सकता है। अगर आपको किसी कीट के काटने पर घाव हो गया है, तो उस स्थान पर हड़जोड़ का रस लगाएं। इससे घाव जल्द ठीक हो सकता है।

3. बवासीर को करे ठीक
अधिक मसालेदार और तीखा खाने वाले लोगों को पाइल्स की समस्या हो सकती है। ऐसे लोगों को कम मसालेदार खाने पर जोड़ देना चाहिए। अगर आपको भी किसी कारण से पाइल्स यानि बवासीर की शिकायत हो गई है, तो हड़जोड़ का सेवन करें। हड़जोड़ का सेवन करने के लिए इसकी पत्तियों को पीसकर रस निकाल लें। अब इस रस में गाय का दूध मिक्स करके पी जाएं। इस दूध को पीने से बवासीर की समस्या से राहत पाया जा सकता है।

4. व्हाइट डिस्चार्ज से राहत
कई महिलाओं को योनि से सफेद पानी निकलने की समस्या होती है। व्हाइट हिस्चार्ज की वजह से महिलाओं को काफी ज्यादा कमजोरी का सामना करना पड़ता है। इन कमजोरी से राहत पाने के लिए आप हड़जोड़ का सेवन कर करते हैं। हड़जोड़ के सेवन से शारीरिक कमजोरी दूर होगी। साथ ही सफेद पानी की परेशानी से भी राहत पाया जा सकता है। इसके लिए 5 से 10 मिली हड़जोड़ का रस लें। इस रस को नियमित रूप से पीने से आपको सफेद पानी की समस्या से लाभ मिलेगा।

5. डिलीवरी के बाद होने वाले दर्द दिलाए राहत
डिलीवरी के बाद कई महिलाओं को पेड़ू और पेट के आसपास काफी ज्यादा दर्द महसूस होता है। इस दर्द से राहत पाने के लिए आप हड़जोड़ के पत्तों को पीसकर उसका लेप अपने प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं। इससे आपको काफी ज्यादा आराम मिलेगा।

6. पाचन शक्ति को बढ़ाए हड़जोड़
पाचन शक्ति को मजबूत करने में हड़जोड़ फायदेमंद हो सकता है। इसका सेवन करने से आपकी भूख बढ़ती है। साथ ही आपके पेट अंदर से मजबूत होता है। इसलिए इसके रस का नियमित रूप से सेवन करें। हालांकि, सेवन करने से पहले एक बार चिकित्सीय परामर्श जरूर लें। 

7. गठिया के दर्द से दिलाए आराम
बढ़ती उम्र के कारण कई लोगों को गठिया की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन आपको बता दें कि गठिया की परेशानियों से राहत पाने के लिए आप हड़जोड़ का सेवन कर सकते हैं। इससे आपको काफी आराम मिल सकता है। गठिया की समस्याओं से राहत पाने के लिए हड़जोड़ का एक भाग छिलका रहित तना लें। अब इसे उड़द दाल के पास पीसकर तिल के तेल में वटिका की तरह छान लें। इस वटिका का सेवन करने से वात रोगों से लाभ मिलेगा। लगातार 15 दिनों तक इसका सेवन करने से गठिया की समस्याओं से राहत मिल सकता है। 

8. हड्डियों को जोड़ने में असरदार
हड़जोड़ जैसा की नाम से ही ज्ञात होता है कि यह हड्डियों को जोड़ने में असरदार है। इसके लिए 10 से 15 मिली हड़जोड़ के रस को घी के साथ पिएं। इसके अलावा इसके रस में अलसी का तेल मिलाकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं और इसे बांध दें। इससे टूटी हड्डियां जुड़ सकती है। इसके अलावा हड़जोड़ के चूर्ण को दूध के साथ मिलाकर पीने से टूटी हुई हड्डियां जुड़ सकती हैं।

9. मोच के दर्द को करे कम
अगर आपको किसी कारण से मोच लग गई है, तो हड़जोड़ आपके मोच के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है। इसके लिए हड़जोड़ के रस को तिल के तेल में मिला लें। अब इस तेल को पकाकर छान लें। इसके बाद इस अपने मोच से प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे आपको वेदना और दर्द से राहत मिल सकता है।

10. ब्लीडिंग को करे कम
अगर आपके शरीर में कटने या फिर छिलने की वजह से काफी ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो इस स्थिति में हड़जोड़ आपके लिए गुणकारी हो सकता है। इसके लिए हड़जोड़ के तनों या जड़ से रस निकाल लें। अब इस रस को अपने प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे रक्तस्त्राव की शिकायत दूर हो सकती है।  

हड़जोड़ को कब प्रयोग न करें
हड़जोड़ के प्रयोग से हड्डी का खनिज घनत्व को बढ़ता है। हड़जोड़ को हड्डी के फ्रैक्चर, कमज़ोर हड्डियों, ऑस्टियोपोरोसिस, में प्रयोग करते हैं। इसे अन्य विकारों में भी प्रयोग करते हैं जैसे मोटापा, मेटाबोलिक सिंड्रोम, भूख नहीं लगना, पाचन की कमजोरी, आंतों में कीड़े, गठिया, आदि।

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