लोकल से ग्लोबल हुई बनारसी ठंडाई और जौनपुर की इमरती, मिला जीआई टैग
वाराणसी, धर्म एवं पर्यटन नगरी बनारस की ठंडाई, लाल पेड़ा के साथ ही लाल भरवा मिर्च, चिरईगांव का करौंदा, बनारस की शहनाई और तबला, म्यूरल पेंटिंग और मूंज क्राफ्ट के साथ जौनपुर की इमरती को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन का तमगा मिला है। इसी के साथ 32 की उत्पादों के साथ वाराणसी समेत पूर्वांचल जीआई का हब बन गया है, तो उत्तर प्रदेश 69 जीआई टैग के साथ तमिलनाडु को पीछे छोड़ते हुए देश में पहले पायदान पर पहुंच गया है।
GI टैग के माध्यम से समृद्ध विरासत को बचाने और बढ़ाने के अभियान में जोर पकड़ा है। इस अभियान का हिस्सा बने नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) और वाराणसी के ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रयास से वाराणसी क्षेत्र के 9 उत्पादों समेत उत्तर प्रदेश के कुल 14 उत्पादों को लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद जीआई पंजीकरण की जानकारी शनिवार को जीआई की रजिस्ट्री की अधिकृत वेबसाइट पर दी गई है। अप्रैल या मई के महीने में प्रमाण पत्र जारी हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश के 14 नए उत्पादों को जीआई पंजीकरण मिला
जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ रजनीकांत ने बताया कि वर्ष 2017 के बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जीआई टैग अभियान की तेजी पकड़ने का परिणाम है कि तमाम राज्यों को पीछे छोड़ते हुए 69 जीआई टैग के साथ उत्तर प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान पर पहुंचने का गौरव हासिल किया है। उत्तर प्रदेश के दिन 14 नए उत्पादों को जीआई पंजीकरण मिला है, उनमें वाराणसी परिक्षेत्र यानी पूर्वांचल के 9 उत्पादक शामिल हैं। इसके साथ ही वाराणसी परिक्षेत्र के 32 उत्पाद बौद्धिक संपदा अधिकार में शुमार हो गए हैं, जो किसी विभाग में नहीं है।
जीआई टैग उत्पादों के 30 हजार करोड़ से ज्यादा के वार्षिक कारोबार
वाराणसी परिक्षेत्र के अलावा मथुरा के सांझी क्राफ्ट, पीलीभीत की बांसुरी, संभाल के बोन क्राफ्ट, रामपुर के पैच वर्क, चित्रकूट के वुडन क्राफ्ट एवं खिलौने को भी जीआई टैग हासिल हुआ है। जीआई टैग उत्पादों के 30 हजार करोड़ से ज्यादा के वार्षिक कारोबार के साथ ही 20 लाख लोगों को जहां अपने परंपरागत उत्पादों का कानूनी संरक्षण प्राप्त हुआ है। वहीं रोजगार के नए अवसर भी खुले हैं। ई-मार्केटिंग के जरिए की उत्पादन तेजी से दुनिया के हर हिस्से में पहुंच रहे हैं।
देश के कुल 160 में उत्पादों का जीआई पंजीकरण
जीआई रजिस्ट्री चेन्नई की ओर से जारी सूचना के मुताबिक इस वर्ष में देश के कुल 160 में उत्पादों का जीआई पंजीकरण हुआ है, जो गत वर्ष हुए 55 जीआई टैग की तुलना में 3 गुना ज्यादा है। वाराणसी के ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के तकनीकी सहयोग से 12 राज्यों में 99 जीआई पंजीकरण हुए हैं। यह किसी संस्था द्वारा की टेक्निकल फैसिलिटेटर के रूप में देश में किया गया सर्वाधिक जीआई का पंजीकरण है।