डिफेंडो में गोल्ड मेडल जीतकर छत्तीसगढ़ की बेटी माधुरी ने प्रदेश को किया गौरवान्वित
राजिम। छत्तीसगढ़ की बेटी ने भारतीय डिफेंडो में गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। वहीं उसके मेडल जीतने से घर में खुशी का माहौल है और गांव-गांव में जीत की चर्चा है। बता दें कि राजिम के चौबेबांधा के निवासी परमेश्वर शैलेंद्री सोनकर की सुपुत्री माधुरी सोनकर ने भारतीय डिफेंडो में पांडिचेरी के साथ मुख्य मुकाबला किया। इस मुकाबले में उसने पांडिचेरी को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमा लिया।
कोच जितेंद्र यादव के मार्गदर्शन में पिछले 6 महीने से कड़ी मेहनत कर रही थी
इस मुकाम तक पहुंचने के लिए माधुरी सोनकर ने खूब मेहनत की। माधुरी कोच जितेंद्र यादव के मार्गदर्शन में पिछले 6 महीने से कड़ी मेहनत कर रही थी। जिनका नतीजा राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में साफ तौर से देखने को मिला। यह प्रतियोगिता हिमाचल प्रदेश के मनाली में हुआ। माधुरी के गोल्ड मेडल जीतने की खबर से पूरे क्षेत्र में हर्ष का माहौल है। जैसे ही माधुरी गोल्ड मेडल लेकर गांव पहुंची तो उसका आतिशबाजी एवं फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया।
टीवी देखने के बाद घर में ही प्रैक्टिस शुरू कर दी थी
माधुरी ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि कक्षा दसवीं से ही डिफेंडो में जाने की उम्मीद जगी हुई थी। टीवी देखने के बाद घर में ही प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। माधुरी अभी बीएससी सेकंड ईयर में पढ़ाई कर रही है। उन्होंने बताया कि कराटा, जूडो और किक बॉक्सिंग तीनों को मिलाकर डिफेंडो बना है। अपनी सुरक्षा के लिए लड़ना इसमें मुख्य रूप से बताया जाता है। इसमें पंच मारना, ब्लॉक करना और गिराना होता है साथ ही पटखनी (गिराने) पर सबसे ज्यादा पॉइंट मिलता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए तैयारी
माधुरी प्रतिदिन डेढ़ घंटे तक अभ्यास करती है। उन्होंने बताया कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए पूरी तैयारी कर रही हूं। मौका मिलने पर इतिहास गढ़ने को आतुर हूं। उन्होंने आगे बताया कि परिवार के सभी लोगों का मुझे भरपूर सहयोग मिल रहा है साथ ही प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। यह मेरे लिए सबसे बड़ी प्लस पॉइंट है। राजिम के इंग्लिश मीडियम मल्टीमूंव स्कूल परिसर में कोच ने लगातार अभ्यास करवाया। उसके बाद भिलाई में खेलने का मौका मिला फिर राष्ट्रीय स्तर में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू मनाली में पांडिचेरी और दिल्ली गर्ल्स को हराकर गोल्ड मेडल जीत गई।