बरगी बांध और नदियों से लिफ्ट सिंचाई योजना शुरू करने की मांग

बरगी बांध और नदियों से लिफ्ट सिंचाई योजना शुरू करने की मांग

बरगी बांध और नदियों से लिफ्ट सिंचाई योजना शुरू करने की मांग 

ग्रामीणों को साथ लेकर विधायक ने की कलेक्टर से चर्चा 

मंडला - बुधवार (23 फरवरी 2022) को निवास विधानसभा क्षेत्र में बरगी बांध से लिफ्ट सिंचाई की मांग, बरगी जलाशय में घटते मत्स्य उत्पादन, बसनिया बांध विस्थापितो की समस्या और चुटका परमाणु परियोजना को लेकर क्षेत्रीय आदिवासी समुदाय में उठते नाराजगी को लेकर विधायक डॉक्टर अशोक मर्सकोले की पहल पर कलेक्टर एवं संबंधित विभाग के साथ क्षेत्रीय जनता और सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ योजना भवन में बैठक आयोजित किया गया। डॉक्टर मर्सकोले ने क्षेत्र से आए लोगों का परिचय दिया और बैठक की भूमिका रखते हुए कहा कि बरगी बांध की अथाह जल भंडार एवं नर्मदा नदी से उद्वहन सिंचाई योजना के माध्यम से मंडला का अधिकांश क्षेत्र सिंचित किया जा सकता है। परन्तु बरगी बांध के अपर नर्मदा क्षेत्र में एक भी माइक्रो लिफ्ट सिंचाई योजना संचालित नहीं है। इसको लेकर बीजाडांडी, नारायणगंज और निवास  विकासखंड के किसान संघर्षरत हैं। नारायणगंज के जनपद सदस्य बबलू सोयाम ने चाटी- समनापुर और चीरी- फुलसागर में बरगी जलाशय से लिफ्ट सिंचाई के माध्यम से खेती के लिए पानी उपलब्ध कराने की मांग रखी। बीजाडांडी के मुसाखोह गांव के शारदा यादव ने कहा कि बरगी बांध से मंडला जिले का 95 गांव विस्थापित एवं प्रभावित हुआ है, परन्तु बांध के किनारे से लगे गांव में सिंचाई के लिए पानी नहीं है। बीजाडांडी के जमठार, जामुनपानी और बेलखेङी क्षेत्र के लिए लिफ्ट सिंचाई योजना लागू करने का आग्रह किया। बरगी मत्स्य संघ के अध्यक्ष मुन्ना बर्मन ने बरगी जलाशय में मछली उत्पादन में आये गिरावट के कारण मछुआरों के समक्ष आजीविका संकट और पलायन की समस्या रखी। नारायणगंज जनपद सदस्य बाजारी लाल सर्वटे (दरगढ) ने बसनिया बांध को निरस्त कर माइक्रो लिफ्ट सिंचाई योजना में परिवर्तित करने की मांग रखी।चुटका परमाणु परियोजना से प्रभावित मीरा बाई मरावी और दादु लाल कुङापे ने कहा कि 2012 के ग्राम सभा में 26 बिंदुओं की शर्तों के साथ परियोजना के लिए सहमति दिया गया था परन्तु आजतक उसका परिपालन नहीं हुआ है।विस्थापितों के लिए बनाए गए आवास को छोटा और आदिवासी के रहन-सहन के प्रतिकूल बताया।

जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री डी. के. कुशराम ने कहा कि बरगी जलाशय से उद्वहन सिंचाई योजना के लिए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के रानी अवंती बाई सागर परियोजना ने पानी देने से मना किया है। कलेक्टर मंडला ने रानी अवंती बाई सागर परियोजना, जबलपुर से उपस्थित उपयंत्री पर नाराज होते हुए कहा कि महत्वपूर्ण बैठक में वरिष्ठ और सक्षम अधिकारी को उपस्थित रहना चाहिए। आपने कहा कि बीजाडांडी, नारायणगंज और निवास क्षेत्र सूखाग्रस्त है और इस क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया कि वाटर आडिट को आधार बनाकर प्रतिवेदन तैयार कर नर्मदा घाटी विकास विभाग को भेजे।  इसमें कितने क्षेत्र की सिंचाई हेतु कितना पानी की आवश्यकता होगी इसे प्रमुखता से दर्शाया जाए। जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास विभाग मंडला संयुक्त रूप से मौका मुआयना कर प्रतिवेदन तैयार करें।जिसमें ग्रामीणों से स्थल चयन का सुझाव लिया जाए। प्रतिवेदन तकनीकी रूप से बेहतर हो जिसमें सभी पहलू का समावेश हो। उपस्थित ग्रामीणों से कलेक्टर ने मनरेगा योजना से जल संरक्षण हेतु सुझाव देने के लिए कहा। बरगी मत्स्य उत्पादन में  गिरावट को लेकर विशेषज्ञों से अध्ययन कराने की बात कही। चुटका प्रभावितो को आश्वस्त किया कि आपकी समस्या पर परियोजना अधिकारी से बात करूंगी।

बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के राज कुमार सिन्हा द्वारा नर्मदा घाटी में संचालित उद्वहन सिंचाई योजनाओं की संकलित जानकारी सभी शासकीय अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को दिया गया। ज्ञात हो कि घाटी में 38148.68 करोड़ की 26 उद्वहन सिंचाई योजना संचालित हो रही है। इससे 3001 गांव की 1242620 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई प्रस्तावित है, जिसमे सरदार सरोवर, इंदिरा सागर और ओंकारेश्वर बांध से भी उदवहन सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। बैठक में विद्युत मंडल के कार्यपालन यंत्री शरद बिसेन, नर्मदा घाटी विकास विभाग मंडला के कार्यपालन यंत्री मोती लाल आलावा एवं मूलचंद मरावी, उप संचालक कृषि मधु अली, जल संसाधन विभाग के एसडीओ नृपेन्द्र सिंह, चुटका पाठा के सरपंच दयाल सिंह कोकडिया, सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रजीत भंडारी सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।