शासन आदेश में स्थायीकर्मियों को महंगाई भत्ता नहीं देने से नगर निगम के कर्मचारियों में रोष
brijesh parmar
उज्जैन। प्रदेश शासन द्वारा शासकीय सेवकों को महंगाई भत्ते के आदेश जारी किये गये हैं, जिससे कर्मचारियों में हर्ष व्याप्त है, वहीं उक्त आदेश में विनियमित (स्थायीकर्मी) की अनदेखी की गई है, जिससे प्रदेश सहित नगर निगम उज्जैन के स्थायी कर्मी (विनियमित) कर्मचारियों में निराशा हाथ लगी है।
लंबे संघर्ष के बाद मुख्यमंत्री ने हाल ही में प्रदेश के कर्मचारियों को 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने की घोषणा की थी। इसके आदेश भी जारी किए गए हैं, लेकिन आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि सातवां वेतनमान प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को ही 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। ऐसे में छठवां वेतनमान पाने वाले एवं विनियमित स्थायी कर्मचारियों में असंतोष है। इसे लेकर कर्मचारी संगठनों ने भी विरोध जताया है। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार हमारे साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
मध्य प्रदेश शासन वित्त विभाग के आदेश दिनांक 21 मार्च 2022 से शासकीय सेवकों को 11 प्रतिशत डीए (महंगाई भत्ता) दिये जाने के आदेश जारी किये गये हैं, जिसमें शासकीय सेवकों को महंगाई भत्ता दिया जाना दर्शाया गया है किन्तु स्थायीकर्मियों (विनियमित) जिन्हें छठवें वेतनमान से वेतनवृद्धि की जाती है, के लिए निर्देश नहीं जारी किये गये हैं जबकि शासन के पूर्व आदेशों में स्थायीकर्मियों को छठवें वेतनमान के मान से महंगाई भत्ता दिया गया था, किन्तु अब उससे वंचित रखा गया है, जिससे प्रदेशभर के विनियमित कर्मचारियों के साथ ही नगर निगम उज्जैन के 350 विनियमित कर्मचारियों में निराशा के साथ रोष व्याप्त है।
इनका कहना है
सोमवार को जारी महंगाई भत्ते के आदेश में विनियमित कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ नहीं दिये जाने से प्रदेश के हजारों कर्मचारियों के साथ ही नगर निगम उज्जैन के करीब 350 स्थायीकर्मियों में रोष व्याप्त है। मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर मांग की जा रही है कि स्थायीकर्मियों को भी महंगाई भत्ते का लाभ शीघ्र दिया जावे।
- रामचंद्र कोरट, संरक्षक, सफाई कामगार, स्वायत्तशासी कर्मचारी संघ, उज्जैन