चांद पर पहुंचा हिंदुस्तान, अब चांद पर चहलकदमी करेगा 'प्रज्ञान'

नई दिल्ली, पिछले महीने 14 जुलाई 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 'चंद्रयान 3' को रवाना किया गया था। चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुका है। इस खास पल का सभी को बेसब्री से इंतजार था। इसरो के मुताबिक, 23 अगस्त 2023 की शाम 06.04 मिनट पर चंद्रयान 3 चांद पर लैंड करने वाला था, जो कि अब सफलतापूर्वक लैंडिंग कर चुका है। लोगों की एक्साइटमेंट को देखते हुए इसरो अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर लाइव टेलीकास्ट किया। अब विक्रम लैंडर से दो घंटे बाद प्रज्ञान रोवर बाहर निकलेगा और चांद की सतह की जानकारी जुटाएगा।
लैंडिंग करने से पहले ही क्रैश हो गया रूस का 'लूना-25'
बता दें कि रूस का 'लूना-25' चांद की सतह पर लैंडिंग करने से पहले ही क्रैश हो गया। उम्मीद की जा रही है कि चंद्रयान 3 इस बार सफलता जरूर हासिल करेगा और वही हुआ, हर भारतीय के लिए यह क्षण गौरवान्वित करने वाला है। चंद्रयान 3 चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर चुका है और इसी के साथ ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। वहीं, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कराने वाला भारत पहला देश बना है। चंद्रयान 3 की लैंडिंग का सीधा प्रसारण 23 अगस्त की शाम 5.27 बजे से शुरू हुआ था और 06 बजकर 04 मिनट पर चंद्रयान 3 ने चंद्रमा की सतह पर साॅफ्ट लैंडिंग की।
काफी अहम थे लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट
चंद्रमा हमारे ग्रह से लगभग 3,83,400 किलोमीटर दूर है। वैज्ञानिकों के अनुसार,चंद्रयान की लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट काफी अहम थे। इन आखिरी क्षणों को 15 minutes of terror कहा जा रहा था। दरअसल, स्पेस के अंतिम क्षणों को Last Minutes Of Terror कहा जाता है। इन लास्ट मिनिट्स में लैंडिंग रोवर ग्रह की सतह पर लैंड करता है। इन 15 मिनट में लैंडर खुद से ही काम करता है। इस दौरान इसरो से कोई भी कमांड नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में यह समय काफी महत्वपूर्ण था, जिस पर भारत ने जीत हासिल की है। इस दौरान लैंडर को सही समय, सही ऊंचाई और सही मात्रा में ईंधन का इस्तेमाल करते हुए लैंडिंग करनी होती है।
दो घंटे बाद प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से बाहर निकलेगा
चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने के दो घंटे बाद अब प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से बाहर निकलेगा और चांद की सतह पर जानकारी जुटाएगा। लैंडिंग के दौरान बड़ी मात्रा में उड़ने वाली धूल के कारण सेंसर भ्रमित हो सकते हैं, इसलिए प्रज्ञान रोवर 2 घंटे बाद विक्रम लैंडर से बाहर निकलेगा। चांद पर किसी भी तरह का जीपीएस नहीं होता है। इस स्थिति में अंतरिक्ष यान किसी सतह पर उतरने के लिए सैटेलाइट नेटवर्क पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। इसका सीधा अर्थ है कि विक्रम लैंडर को खुद से ही सभी चीजों की गणना करते हुए सॉफ्ट लैंडिंग की है।